बिहार के महागठबंधन के लिए नई मुसीबत उस समय पैदा हुई, जब कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन के तीन विधायक मंगलवार को बिहार विधानसभा में सत्ता पक्ष के सदस्यों के साथ जा बैठ। घटनाक्रम विधानसभा में भोजनावकाश के बाद हुआ। कार्यवाही शुरू होने पर आरजेडी की संगीता कुमारी के अलावा कांग्रेस विधायक मुरारी गौतम और सिद्धार्थ सिंह को उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के पीछे सदन के भीतर प्रवेश करते देखा गया। चौधरी द्वारा इशारा करने पर वे सत्ता पक्ष की ओर बैठ गए और सत्तारूढ़ राजद के विधायकों ने मेज थपथपाकर इसका अनुमोदन किया। महागठबंधन के विधायक पाला बदलने के बाद बिहार सरकार के मंत्री ने बड़ा दावा किया है।
बिहार सरकार के मंत्री और जदयू नेता श्रवण कुमार ने विधायक के टूटने पर कहा कि- जो लोग खेल करना चाहते हैं, वह पूरी तरह से खेल में फंस चुके हैं। उनके विधायक खेल रहे हैं और वो खेला दूसरी जगह कर रहे हैं तो पहले तो जो संवैधानिक पद पर बैठा है और नेता विरोधी दल है और उसके जुबान से इस तरह का बात निकलता हो की खेला होगा, वो खुद फंस गए हैं तो इसका जवाब वो खुद ही न देंगे।
साथ ही जब उनसे यह सवाल किया गया कि- क्या और भी विधायक साथ आएंगे तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि राजनीति संभावनाओं का खेल है, कब क्या होगा इसकी जानकारी कोई नहीं है। इंतजार कीजिए और सबकुछ देखिये। वो कौन तो यात्रा निकाल रहे हैं, जब जनता जिसके लिए हमें चुनी है वही काम नहीं कर रहे हैं तो यात्रा निकालने से क्या फायदा होगा।
राष्ट्रीय जनता दल के विधायक भाई वीरेंद्र ने अपने दल के विधायकों को टूटने पर कहा है कि- यह बीजेपी अच्छा नहीं कर रही है और इसके लिए उन्हें आगे पछताना पड़ेगा और जिस तरह की तरीके से वह यह कर रही है आगे उनके भी विधायक भी इसी तरह टूटेंगे। उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल गलत परंपरा की शुरुआत हुई है और इस तरह की शुरुआत पहले बिहार में कभी नहीं हुई थी। विधायकों पर कार्रवाई किये जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह तो पार्टी का मामला है। हम पार्टी में कोई दबाव नहीं कर सकते। लेकिन वही लोग भाग रहे हैं जिनको लगता है कि हम चुनाव नहीं जीत पाएंगे।