जेडीयू पार्टी में शनिवार को खूब ड्रामा हुआ. पहले जेडीयू की प्रदेश कमेटी को भंग कर दिया गया. राजनीतिक सलाहकार समिति को भंग किया गया. कुछ ही घंटों में फिर नयी कमेटी का गठन कर दिया गया. अब सब ड्रामों के पीछे असली खबर सामने आयी है. जेडीयू ने भले ही कोईरी जाति से आने वाले उमेश कुशवाहा को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बना रखा है लेकिन पार्टी का काम चलाने के लिए कुर्मी जाति के नेता को पावर दे दिया गया है.
किसी पार्टी में प्रदेश कमेटी बनाने का अधिकार प्रदेश अध्यक्ष को होता है. कमेटी भले ही कहीं और से चुनी जाये लेकिन चिट्ठी तो प्रदेश अध्यक्ष की ओऱ से ही निकलती है. जेडीयू में भी शनिवार को प्रदेश कमेटी भंग करने से लेकर नयी प्रदेश कमेटी बनाने की चिट्ठी प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा की ओर से निकाली गयी. लेकिन असली चिट्ठी मीडिया में नहीं आयी.
जेडीयू में जो खेल हुआ वह दिलचस्प है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा की ओर से नयी प्रदेश कमेटी के गठन का पत्र निकाला गया. इसमें 10 उपाध्यक्ष, 49 प्रदेश महासचिव, 46 प्रदेश सचिव, 9 प्रवक्ता और एक कोषाध्यक्ष की नियुक्ति की गयी. लेकिन असली चिट्ठी नीतीश कुमार की ओर से निकाली गयी. उमेश कुशवाहा के पत्र में उसका कोई जिक्र नहीं है.
प्रदेश कमेटी में किसे पावर होगा, इसका पत्र नीतीश कुमार की ओर से निकाला गया है. जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव आफाक अहमद खान ने पत्र जारी किया है. इसमें जेडीयू के विधान पार्षद रविंद्र प्रसाद सिंह को पार्टी का प्रदेश वरीय उपाध्यक्ष बनाने की जानकारी दी गयी है. आफाक अहमद खान ने अपने पत्र में लिखा है कि खुद नीतीश कुमार ने रविंद्र प्रसाद सिंह को बिहार जेडीयू का वरीय उपाध्यक्ष मनोनीत किया है. अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए ये नियुक्ति की गयी है.
किसी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदेश के पदाधिकारी की नियुक्ति नहीं करता. लेकिन नीतीश कुमार ने खुद रविंद्र प्रसाद सिंह को बिहार प्रदेश जेडीयू का वरीय उपाध्यक्ष बनाया है. दिलचस्प बात ये भी है कि प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने पार्टी के पदाधिकारियों की जो सूची जारी की है, उसमें रविंद्र प्रसाद सिंह को सिर्फ उपाध्यक्ष बताया गया है. वरीय उपाध्यक्ष जैसे किसी पद का जिक्र नहीं है.
जेडीयू नेता ने बताया कि बिहार में जेडीयू चलाने की जिम्मेवारी रविंद्र प्रसाद सिंह को सौंपी गयी है. कुर्मी जाति से आऩे वाले रविंद्र प्रसाद सिंह नीतीश कुमार के खास माने जाते रहे हैं. नीतीश कुमार ने पार्टी के कई पुराने नेताओं को नजरअंदाज कर उन्हें विधान पार्षद बनाया था. इससे पहले उन्हें राष्ट्रीय सचिव के पद पर रखा गया था. लेकिन उन्हें बिहार में पार्टी का वरीय उपाध्यक्ष बनाया गया है. घोषित तौर पर भले ही नहीं कहा जा रहा हो, लेकिन बिहार जेडीयू को अब रविंद्र प्रसाद सिंह ही चलायेंगे. उमेश कुशवाहा मुखौटा बनकर अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठे रहेंगे.