नाट्य कार्यशाला का कल होगा समापन, हॉल नही मिलने के कारण टल सकती है बच्चों की प्रस्तुति

natyshala ka ayaojan

आरा। मंगलम दि वेन्यू में चल रहे अभिनय एवं एक्ट के  20 दिवसीय नाट्य कार्यशाला के 19वे दिन विगत 18 दिनों से चल रहे नाटक के विभिन्न शैलियों और स्वरूपों को एक एक नाटक के रूप में पिरोने का बच्चों ने अभ्यास किया। बच्चों को अभ्यास ओ.पी.पांडेय और शैलेंद्र सच्चु ने कराया। कार्यशाला में तैयार हो रहे नवोदित कलाकारों ने कार्यशाला के दौरान कई दृश्यों, कहानियों और डॉयलॉग की रचना की जिसको प्रशिक्षकों ने एक मे पिरोने का काम किया गया। आज सभी छोटे-छोटे इन गतिविधियों को एक साथ मिलाकर उसे एक नाटक का रूप दिया गया। नाटक में कुछ धुनों की रचना भी की गई जिसे कार्यशाला में ही पूर्व में प्रशिक्षक नागेंद्र पांडेय व सतीश मुन्ना ने बच्चों को अभ्यास कराया था। आज उन धुनों और गीतों को संगीतकार सतीश मुन्ना ने संगीत में ढाल बच्चों के साथ पूरे दिन अभ्यास किया। अभ्यास के दौरान कार्यशाला के निर्देशक रविन्द्र भारती भी मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि बच्चों द्वारा सीखे गए कार्यशाला में उनकी अभिनय प्रतिभा को 9 अगस्त को उनके अभिभावकों और शहर के प्रबुद्ध जनों के बीच प्रदर्शित किया जाएगा। यह प्रदर्शन नागरी प्रचारिणी में होना तय हुआ था लेकिन जिला प्रशासन ने नागरी प्रचारिणी नाट्य प्रदर्शन के लिए देने से इंकार कर दिया है। भोजपुर एसडीएम ने कोविड के नए गाइडलाइंस आने तक नागरी प्रचारिणी को प्रस्तुति के लिए किसी को देने से इनकार किया है। संस्था बच्चों के इस नाट्य प्रदर्शन के लिए विचार कर रही है। आज के कार्यशाला में अतिथि के रूप में शिक्षक हरिशंकर प्रसाद, वरिष्ठ छायाकार समीर अख्तर, दीपक शास्त्री आये और बच्चों को मोटिवेट किया। इस अवसर पर  कार्यशाला के प्रबंधक मनोज श्रीवास्तव भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि कार्यशाला का कल आखिरी दिन बच्चों के प्रशिक्षण के लिए है और प्रस्तुति 2 दिनों के बाद संस्था द्वारा लिए गए निर्णय के बाद किया जाएगा। अगर उपयुक्त जगह नही मिला तो बच्चों की प्रस्तुति नही भी हो सकती है। ऐसी अवस्था में बच्चे मायूस न हो इसलिए संस्थान अभ्यास वाले हॉल में ही उनकी प्रस्तुति प्रशिक्षकों और मीडिया के बीच की करने का विचार कर रही है।

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