प्रशांत किशोर का मानना ​​है कि नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री नहीं रहना चाहिए और किसी और को मुख्यमंत्री बनने देना चाहिए.

बिहार में जातिगत जनगणना के आंकड़े पेश होने के बाद प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर हमला बोला है। प्रशांत किशोर ने कहा है कि दोनों को अपना-अपना पद छोड़कर पिछड़ा औऱ अतिपिछड़ा को सीएम बना देना चाहिए।

प्रशांत किशोर बिहार में सीएम नीतीश के करीबी हुआ करते थे लेकिन अब वह बिहार में जन सुराज पदयात्रा नाम से एक खास यात्रा कर रहे हैं. यात्रा के दौरान कुछ पत्रकारों ने उनसे तेजस्वी यादव के बारे में पूछा, जो जाति सर्वेक्षण के बाद निष्पक्षता की बात कर रहे हैं. उन्होंने पूछा कि क्या तेजस्वी किसी मुस्लिम नेता को मुख्यमंत्री बनाएंगे या उनकी आबादी के आधार पर उन्हें अधिकार देंगे. प्रशांत किशोर ने पिछले 32 वर्षों से बिहार पर शासन कर रहे लालू यादव, नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की आलोचना करते हुए जवाब दिया।

उन्होंने सवाल किया कि इस दौरान उन्होंने बिहार में विभिन्न समूहों के लोगों के लिए क्या किया है. जातिगत सर्वे से कोई खास फर्क नहीं पड़ता क्योंकि सभी जानते हैं कि बिहार में बड़ी संख्या में अति पिछड़े लोग रहते हैं. अहम सवाल यह है कि इन नेताओं ने अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए क्या किया है।

प्रशांत किशोर पूछ रहे हैं कि पिछड़े समुदाय के कितने राजनेता सरकार में हैं और उनमें से कितनों को महत्वपूर्ण पद दिए गए हैं। वह जानना चाहते हैं कि इन समुदायों के राजनेता कौन से विभाग संभाल रहे हैं। उनका मानना ​​है कि कुछ राजनेताओं के लिए सार्वजनिक भागीदारी के बारे में बात करना उचित नहीं है जब वे स्वयं दूसरों को अवसर नहीं दे रहे हैं। उनका सुझाव है कि मुख्यमंत्री को सरकार में अल्पसंख्यक और दलित समुदाय के अधिक लोगों को शामिल करना चाहिए. वह महत्वपूर्ण विभाग अपने पास रखने और दूसरों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं देने के लिए मुख्यमंत्री और उनके भतीजे की भी आलोचना करते हैं।

चार महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाल रहे तेजस्वी यादव अगर उनमें से एक या दो विभाग छोड़कर किसी और को मौका देते हैं, तो पता चल जाएगा कि क्या उन्हें सचमुच दलित और अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों की परवाह है. सीएम नीतीश सीएम बन जायेंगे तो समझ नहीं पायेंगे. प्रशांत किशोर कह रहे हैं कि हमें राजद (एक राजनीतिक दल) से पूछना चाहिए कि पिछले चुनाव में उन्होंने अत्यंत पिछड़ी जाति के कितने लोगों को मौका दिया था. वह यह भी जानना चाहते हैं कि उनमें से कितने लोग जीते और उन्हें सरकार में क्या भूमिकाएँ दी गईं।

उनका मानना ​​है कि राजद लोगों को बरगला रही है. वह पूछ रहे हैं कि बिहार (भारत का एक राज्य) में उनसे बेहतर कौन है। राजद 30 साल से सत्ता में है, इसलिए उन्हें दूसरों को भी मौका देना चाहिए. प्रशांत का मानना ​​है कि नीतीश कुमार (मौजूदा मुख्यमंत्री) को पद छोड़ देना चाहिए और या तो किसी अति पिछड़ी जाति या दलित व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए या कम से कम उपमुख्यमंत्री बनाना चाहिए. उनका यह भी सुझाव है कि राजद को किसी को उपमुख्यमंत्री बनाना चाहिए. तेजस्वी यादव जिनके पास चार महत्वपूर्ण विभाग हैं, उन्हें इनमें से एक या दो विभाग छोड़कर किसी और को मौका देना चाहिए. इससे पता चलेगा कि राजद को दलित अल्पसंख्यकों की भलाई की कितनी चिंता है.