बालू कारोबारी संस्था ब्रॉडसंस की बढ़ती जा रही मुश्किलें

 बिहार की नामी बालू कारोबारी संस्था ब्रॉडसंस की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। कंपनी के खिलाफ ईडी के हाथ नए सबूत लगे हैं। लगभग 45 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी होने की बात सामने आई है। ईडी ने इस संबंध में बिहार की आर्थिक अपराध इकाई को जानकारी दी है। इसके साथ एजेंसी ने जांच करने का भी अनुरोध किया है।

बिहार की प्रमुख बालू कारोबारी संस्था ब्रॉडसंस पर शिकंजा और कसता जा रहा है। ब्रॉडसंस के खिलाफ चल रही ईडी की जांच के दौरान एजेंसी को इस कंपनी के खिलाफ और 45 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी के प्रमाण मिले हैं। ईडी ने इस मामले की जांच के लिए आर्थिक अपराध इकाई को पत्र लिखा है। इसके जरिए प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लांड्रिंग मामले में कंपनी पर कार्रवाई करने की अनुशंसा की है।

इस लेटर के पास यह बातें सामने आ रही है कि आने वाले दिनों में  ईडी की अनुशंसा के बाद आर्थिक अपराध इकाई इस कंपनी के निदेशक मंडलों में प्रमुख अशोक कुमार, सुभाष यादव, राधाचरण सेठ, कन्हैया प्रसाद के साथ-साथ धनबाद के मिथिलेश सिंह, बबन सिंह, जगनारायण सिंह, सतीश सिंह पर प्राथमिकी कर सकती है।

सभी लोग बालू सिंडिकेट का हिस्सा रहे हैं और औरंगाबाद व गया समेत के साथ ही विभिन्न जिलों में बालू के अवैध खनन के खिलाफ 75 से अधिक मामले दर्ज हैं।थानों में दर्ज प्राथमिकी को आधार बनाकर प्रवर्तन निदेशालय इसके निदेशक मंडलों पर अलग-अलग कार्रवाई कर चुका है। जांच के क्रम में जांच एजेंसी को राजस्व चोरी के मामले ब्रॉडसंस और आदित्य मल्टीकाम और इसके निदेशकों की मिली-भगत के प्रमाण मिल चुके हैं। इनके खिलाफ ईडी की कार्रवाई लगातार जारी है। पहले भी ईडी 80 करोड़ के राजस्व चोरी से जुड़े साक्ष्य इओयू को भेजे थे, जिसके आधार पर इओयू ने इनके खिलाफ एफआइआर की थी।

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