राज्य: सीएम अशोक गहलोत ने रात में तीन बजे तक पढ़ाई की, डॉक्टर बनना चाहते थे, लेकिन..।

सीएम अशोक गहलोत ने रात में तीन बजे तक पढ़ाई की, डॉक्टर बनना चाहते थे,

 सीएम अशोक गहलोत ने रात में तीन बजे तक पढ़ाई की, डॉक्टर बनना चाहते थे,

शनिवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कृषि अनुसंधान केन्द्र में राज्य स्तरीय युवा महापंचायत ‘युवा संकल्प’ का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कुछ कहा जो चर्चा का विषय बन गया। CM गहलोत ने चिंता व्यक्त की कि कोटा में पिछले आठ महीनों में 20 विद्यार्थियों ने आत्महत्या की है। बचपन में मैं रात में 2 से 3 बजे तक पढ़ाई करता था, लेकिन सफल नहीं हो सका। मैंने हालांकि साहस नहीं खोया। मैंने अपना रास्ता बदला, राजनीति में आया, सामाजिक कार्यकर्ता बना और आज आपके सामने हूँ।

मुख्यमंत्री गहलोत ने राज्य स्तरीय युवा महापंचायत के ‘युवा संकल्प’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि युवा समाज में बदलाव लाने की शक्ति है और उनकी ऊर्जा और नवाचार की क्षमता समाज को नई दिशा दे सकती है। युवा होना एक अद्भुत और महत्वपूर्ण समय होता है; युवा शब्द सिर्फ आयु का नहीं, बल्कि ऊर्जावान होने का संकेत है। 2030 तक, राजस्थान नवीन युवा नीति के माध्यम से देश का अग्रणी राजस्थान बनेगा. इसके अलावा, यह विजन 2030 को साकार करने का एक सशक्त माध्यम भी बनेगा।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सलाह क्या थी? राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अभिभावकों को अपने बच्चों से बातचीत करनी चाहिए और विद्यार्थियों में बढ़ रही आत्महत्या की घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने सकारात्मक सोच विकसित करना चाहिए। कार्यक्रम में उन्होंने यह भी सलाह दी कि वे अपने करियर पर कोई मानसिक दबाव नहीं डालें। उनका सुझाव था कि अभिभावकों को जरूरत पड़ने पर अपने बच्चों के लिए परामर्श सेवाओं का सहारा भी लेना चाहिए।

अशोक गहलोत, गांधी परिवार का भरोसेमंद , अशोक गहलोत को आज राजनीति का जादूगर कहा जा सकता है, हालांकि वे डॉक्टर नहीं बन पाए हैं। उनके पिता लक्ष्मण सिंह गहलोत, एक प्रसिद्ध राजस्थानी जादूगर, थे। पिता के साथ शो में शोक गहलोत भी दिखाई देते थे। वह कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बचपन का जादूगर अंकल था। गांधी परिवार को चाणक्य भी कहा जाता है। शोक गहलोत ने कई चुनावों में अपनी कुशल रणनीति का लोहा मनवाया है। 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को जीता। गहलोत ने ही ऐसा किया था। उनका नाम एक रिकॉर्ड बना, महज 34 साल की उम्र में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बन गया। वे कांग्रेस को आगे बढ़ाते रहे और कांग्रेस के इतिहास में सबसे कम उम्र के प्रदेश अध्यक्ष बने।

यहां बताया जाना चाहिए कि अशोक गहलोत ने तीन पीढ़ियों से गांधी परिवार का विश्वास रखा है। यही कारण है कि उन्हें डिगा मिलना मुश्किल लगता है। इंदिरा गांधी ने उन्हें चुना, जबकि संजय गांधी ने उन्हें तराशा। यही नहीं, सोनिया गांधी ने गहलोत को प्रोत्साहित किया, जबकि राजीव गांधी ने उनका समर्थन किया।

1998 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बड़ी जीत हासिल की, जिससे पार्टी ने राज्य की कमान संभाली। पार्टी ने इस साल विधानसभा की 200 सीटों में से 153 पर जीत हासिल की। सोनिया गांधी ने राजेश पायलट, नटवर सिंह, बूटा सिंह, बलराम जाखड़ और परसराम मदेरणा की जगह अशोक गहलोत को चुना, जो पहली बार मुख्यमंत्री बन गया।

 

Reported by Lucky Kumari

 

 

 

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