स्वच्छता एक बड़ी चुनौती-विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर पटना को स्वच्छ, व्यवस्थित व सुन्दर पटना बनाने के लिए नगर निगम व नागरिक समाज के बिच परिचर्चा में मेयर , उप महापौर सहित पार्षद, अधिकारी, विशेषज्ञ व नागरिको ने भाग लिया
स्वच्छता एक बड़ी चुनौती, हर लोगो का सहयोग जरुरी- महापौर
गोबर व कचरे का लैंड फिल व नाले में डालने के वजाये वर्मी कम्पोस्टिंग आवश्यक
पटना 5 जून: समाज व समाज के संसाधनों को संरक्षित रखने की जिम्मेवारी हम सबकी है| पटना स्वच्छ, सुन्दर व स्वस्थ बने, यह हम सभी नागरिक समुदाय की सामूहिक जिम्मेवारी है | उक्त बातें आज पटना की महापौर श्री मति सीता साहू ने निदान द्वारा आयोजित “ स्वच्छ, व्यवस्थित व सुन्दर पटना विषय पर ए० एन ० सिन्हा, सामाजिक अध्ययन संस्थानमें कहा|
स्वच्छता एक बड़ी चुनौती-निदान के कार्यक्रम निदेशक श्री राकेश त्रिपाठी ने कहा की निदान ने समय समय पर ज़ीरो वेस्ट प्रबंधन के सिद्धांत पर कार्य करते हुए वर्मी कम्पोस्ट (कचड़े से खाद) बनाने की प्रक्रिया भी शुरू की, पेपर व प्लास्टिक रीसाइक्लिंग यूनिट भी साथ मिलकर स्थापित किये । “चकाचक पटना अभियान” शुरू किया । जिससे नागरिकों में जागरूकता बढ़ी और नगर निगम पर भी दबाव बना और अपना दायित्व समझा । आज स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत कई कार्य किये जा रहे है|
श्री संजय कुमार, कार्यपालक अभियंता ने नवमी गंगे के अंतर्गत किये जा रहे कार्यों का उलेख्य किया| वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के बारे में जानकारी दी|
कृषि वैज्ञानिक डॉ किशोर ने कहा की पटना स्वच्छ, हरित, सुन्दर व स्वस्थ बने यह हम सभी नागरिक के हित में है । हम कचड़े को लैंड फिल पर ले जाये या उसका निष्पादन वैज्ञानिक तरीक़े से करें । कचड़े का समुचित निष्पादन कई लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा कर सकता है । हमें पर्यावरण को बनाये रखने के लिए नीम, पीपल पाकड़ और बरगद के वृक्ष लगाने चाहिए|
रेखा देवी , स्लम निवासी व सफाई कर्मी ने इस अवसर पर कहा की हम पुरे शहर की सफाई करते है परन्तु निगम हमारे झोपड़ी की ही सफाई कर देते है हमारी सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है| न ही हमको कोई कोई पहचान पत्र मिला है न ही हमारी स्वस्थ्य की कोई सुरक्षा है|
परिचर्चा के दौरान सवाल आये की वर्तमान में निगम ने सफाई वाहन अनेकों ख़रीद लिए गए – घर-घर से कचड़ा उठाने का काम शुरू हुआ – उद्देश्य था- कचड़े के स्रोत पर हीं पुनर्चक्रण योग्य कचड़े के पृथक्करण करना – मगर क्या उद्देश्य पूरा हो पा रहा है ? कचड़ा डंपिंग, कूड़ा निष्पादन के लिए भूमि ले लिया गया, परन्तु क्या कचड़े का सही निष्पादन कर पा रहे है ? क्या अभी भी डंपिंग साईट पर कूड़ा का पुनर्चक्रण एवं पृथक्करण सही से हो रहा है ? क्या जल जमाव का हम समाधान निकाल पाए है ? क्या सफ़ाई करने वालों के लिए हम सही व्यवस्था कर पाए है ? स्वच्छता सर्वेक्षण में अभी भी हमारा रैंकिंग बहुत ही नीचे है । वक्त आ गया है, सरकार को हम सब के साथ मिलकर पटना को स्वच्छ, व्यवस्थित, हरित एवं सुन्दर पटना बनाने के लिए कार्य करने का |
परिचर्चा में सुझाव आये की शत प्रतिशत वार्डों में कचरा अलग-अलग करने का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए नगर निगम द्वारा आम जनता को बीच सूखा-कचरा एवं गीला कचरा अलग-अलग संग्रह करने हेतु जागरुकता अभियान चला न चाहिए | विभिन्न स्थानों पर कम्पोस्टिंग पिट बनाए जाने चाहिए। साथ ही डंपिंग यार्ड में ट्रामेल मशीन के माध्यम से ठोस अपशिष्ट को अलग श्रेणी में छांटकर उनका निष्पादन किया जान चाहिए एवं प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन का कार्य करना होगा | नुक्कड़ नाटक, स्वच्छता मतदान, पार्कों में सेहत केंद्र एवं स्कूल-कालेज में जागरूकता कार्यक्रम चलान होगा| रात में शहर की सफाई कराई जाय । पर्यावरण को ठीक रखने के लिए पार्कों में पौधारोपण पर ध्यान दिया जाना चाहिए |
इस अवसर पर माननीय महापौर व निदान टीम के द्वारा संस्था के प्रांगन में वृक्षा रोपण कार्यक्रम किया गया | इस अवसर सभी को एक पौधा देकर स्वागत व सम्मानित किया | कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम प्रबंधक विशाल आनन्द ने किया | रजनी देवी उप महापौर, आद्री संस्था के निदेशक पी पी घोष, एवं एन.एस.पी.एल से प्रमोद कुमार सिंह ने अपने पर्यावरण को विचारों रखा |