हरदीप सिंह पुरी का सुझाव है कि 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए अतिरिक्त समय की आवश्यकता हो सकती है।

ओपेक द्वारा कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती के संबंध में हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि अगले 20 वर्षों में वैश्विक ऊर्जा मांग का 25 प्रतिशत हिस्सा भारत का होगा।

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस के प्रभारी मंत्री ने कहा है कि वर्ष 2070 तक कार्बन उत्सर्जन न करने का लक्ष्य थोड़ा दूर है। लेकिन उनका मानना ​​है कि भारत इस लक्ष्य को उम्मीद से पहले हासिल कर सकता है. इसका मतलब यह है कि भारत को पर्यावरण की रक्षा में मदद के लिए 2070 तक केवल नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करना होगा।

तेल और गैस के प्रभारी हरदीप सिंह पुरी के अनुसार, 2070 तक किसी भी हानिकारक गैस का उत्पादन न करने के लक्ष्य तक पहुंचने में थोड़ा अधिक समय लग सकता है। उन्होंने बताया कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारत को उस समय तक ऊर्जा के केवल नवीकरणीय स्रोतों का उपयोग शुरू करना होगा। भारत में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस के प्रभारी मंत्री ने कहा कि देश को हानिकारक गैसों का उत्पादन बंद करने में काफी समय लगेगा। हालाँकि, उन्होंने यह भी कहा कि भारत इसे उम्मीद से अधिक तेजी से करने में सक्षम हो सकता है

। इसका मतलब यह है कि भारत हवा को प्रदूषित करने वाली चीजों का उपयोग करने के बजाय सौर और पवन ऊर्जा जैसी नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करने का प्रयास करेगा। वे साल 2070 तक इस लक्ष्य तक पहुंचना चाहते हैं. ऊर्जा प्रौद्योगिकी के बारे में एक बैठक के दौरान, हरदीप सिंह पुरी ने उल्लेख किया कि भारत का 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन हासिल करने का लक्ष्य है, हालांकि इसमें कुछ समय लग सकता है।

उन्होंने बताया कि भारत जीवाश्म ईंधन पर निर्भर रहने के बजाय स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करने की दिशा में काम कर रहा है। जब इज़राइल और फ़िलिस्तीन के बीच ख़राब चीज़ें होती हैं, तो इससे लोग जैव ईंधन और नवीकरणीय ऊर्जा जैसी स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग करने के बारे में अधिक सोचना शुरू कर सकते हैं। हाल ही में दोनों गुटों के बीच मारपीट हुई थी जिसमें कई लोग घायल हो गए थे या उनकी मौत हो गई थी.

हरदीप सिंह पुरी ने पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन ओपेक द्वारा कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि अगले दो दशक में दुनिया में ऊर्जा की मांग का 25 प्रतिशत भारत से आएगा.