1947 के बाद भारत में मुसलमानों की आबादी कितनी बढ़ी और हिंदुओं का क्या हाल रहा? 

1947 के बाद भारत में मुसलमानों की आबादी कितनी बढ़ी और हिंदुओं का क्या हाल रहा? 

1947 के बाद भारत में मुसलमानों की आबादी कितनी बढ़ी और हिंदुओं का क्या हाल रहा? 

1947 में मुस्लिम जनसंख्या: भारत में मुसलमानों की बढ़ती आबादी बहुत चर्चा का विषय है। मुसलमान जनसंख्या पर राजनीतिक दबाव डालते हुए अक्सर नेता दिखाई देते हैं। कुछ नेता कहते हैं कि मुसलमानों की आबादी हिंदुओं से कुछ सालों में बढ़ जाएगी। लेकिन आज हम आपको आंकड़ों के साथ दिखाएंगे कि आजादी के बाद मुसलमानों की आबादी कितनी बढ़ी और हिंदुओं का क्या हुआ?

1947 में हिंदू और मुसलमान लोगों की आबादी, याद रखें कि 1947 में पाकिस्तान भारत से अलग हुआ। मुसलमान इसके बाद पाकिस्तान चले गए। इसके बावजूद, अधिकांश मुसलमान भारत में रह गए। भारत एक धर्मनिर्पेक्ष देश बन गया, जबकि पाकिस्तान एक बहुसंख्यक मुसलमान देश बन गया। 1951 में स्वतंत्र भारत की पहली जनगणना हुई, तो देश की कुल आबादी 36 करोड़ थी। जिसमें हिंदुओं की आबादी करीब ३० करोड़ थी, जबकि मुस्लिमों की आबादी ३.५ करोड़ थी। नीचे पढ़ें कि 2023 में हिंदुओं और मुसलमानों की आबादी कैसे बढ़ी।

2023 में मुसलमानों और हिंदुओं की संख्या , बता दें कि 2023 में करीब 20 करोड़ मुसलमान हैं। जैसा कि आप देख सकते हैं, आजादी के बाद से मुसलमानों की संख्या लगभग सात गुनी बढ़ी है। मोटा मोटा आंकड़ा बताता है कि आबादी लगभग 17 करोड़ हो गई है। वहीं आजादी के समय 30 करोड़ हिंदू थे, जो 2023 में लगभग 139 करोड़ हो गए। यानी 4.65 प्रतिशत बढ़ी। साधारण आंकड़ों के अनुसार, 109 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है।

 

Reported by Lucky Kumari

1947 के बाद भारत में मुसलमानों की आबादी कितनी बढ़ी और हिंदुओं का क्या हाल रहा?