जातीय जनगणना की आर्थिक रिपोर्ट : सवर्णों में सबसे अधिक नौकरी कायस्थ के पास

 नीतीश सरकार ने जातीय जनगणना से जुड़ी आर्थिक रिपोर्ट विधानमंडल में पेश कर दिया है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि किस जाति में कितने लोग सरकारी नौकरी में हैं। ऐसे में हम आपको यहां सवर्ण समुदाय में कितने लोग सरकारी नौकरी में जुड़े हुए हैं। बिहार सरकार ने जिन जातियों को सवर्णों में शामिल किया है, उसमें हिन्दू और मुसलमान धर्म की सात जातियां शामिल हैं।  ऐसे में सरकार की रिपोर्ट कह रही है कि सवर्णों में सबसे ज्यादा नौकरी कायस्थ जाति के लोगों के पास है।

बिहार सरकार की जातीय जनगणना की रिपोर्ट के मुताबिक सवर्णों की श्रेणी में सात जातियां शामिल हैं। इनमें हिन्दू  धर्म की चार जातियां ब्राह्मण, भूमिहार, राजपूत और कायस्थ के अलावा मुसलमान धर्म के शेख, सैयद और पठान शामिल हैं। ऐसे में सरकार  ने इन वर्गों की आर्थिक स्थिति की रिपोर्ट पेश की है।

सरकार की रिपोर्ट कह रही है कि सामान्य वर्ग यानि सवर्णों में सबसे ज्यादा नौकरी कायस्थ जाति के लोगों के पास है। सरकार के मुताबिक बिहार में  6.68 फीसदी कायस्थ सरकारी नौकरी में हैं। उनके कुल परिवारों की संख्या 52 हजार 490 है। हिन्दू सवर्णों में नौकरी के मामले में भूमिहार दूसरे नंबर पर हैं।  सरकार के मुताबिक 4.99 फीसदी भूमिहार परिवार सरकारी नौकरी में हैं। बिहार में भूमिहार जाति की संख्या जो सरकारी नौकरी में हैं वो 1 लाख 87 हजार 256 है।

वहीं, सरकार के मुताबिक बिहार में 3.81 फीसदी राजपूत सरकारी नौकरी में हैं। राजपूत जाति का सरकारी नौकरी में हिस्सेदारी 1 लाख 71 हजार 933 है।  सरकार के मुताबिक शेख जाति के 0.79 परसेंट लोग सरकारी नौकरी में हैं। शेख जाति के कुल 39 हजार 595 परिवार सरकारी नौकरी में हैं। वहीं, पठान जाति के 1.07 परसेंट परिवार सरकारी नौकरी में हैं। इस परिवार की संख्या जो सरकारी नौकरी में हैं वो 10 हजार 517 है। इसके साथ ही सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक मुसलमानों के सैयद जाति के2.42 परसेंट परिवार सरकारी नौकरी में हैं। इसके आलावा सैयद जाति के 7 हजार 231 लोग सरकारी नौकरी में हैं।

जातीय जनगणना की आर्थिक रिपोर्ट : सवर्णों में सबसे अधिक नौकरी कायस्थ के पास