अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले ही निर्वाचन आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है। इसमें आयोग ने राज्य सरकारों को अपने गृह राज्यों में तैनात अधिकारियों और लंबे समय से एक ही खास स्थान पर नियुक्त अधिकारियों का तबादला करने का निर्देश दिया है। इसमें यह भी कहा गया है कि चुनाव से सीधे तौर पर जुड़ा कोई अधिकारी यदि अपने गृह जिले में तैनात है, तो उसे वहां बने रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
पत्र में कहा गया है कि चुनाव से सीधे तौर पर जुड़ा कोई अधिकारी यदि अपने गृह जिले में तैनात है, तो उसे वहां बने रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि किसी अधिकारी ने पिछले चार वर्ष के दौरान किसी जिले में तीन साल पूरे कर लिए हैं या वह अगले साल 30 जून को या उससे पहले तीन साल पूरे कर लेगा तो उसे भी स्थानांतरित किया जाना चाहिए।
इसके आगे इस पत्र में कहा गया है कि वर्तमान लोकसभा के साथ-साथ आंध्र प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश की राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल अगले साल जून में अलग-अलग तारीखों पर समाप्त हो रहा है। वर्ष 2014 में भी संसदीय चुनाव के साथ-साथ चार राज्यों के विधानसभा चुनाव हुए थे। इसके साथ ही साथ ही ऐसे किसी भी अधिकारी को चुनाव संबंधी ड्यूटी में नहीं लगाया जाएगा जिसके खिलाफ आधिकारिक कामकाज से संबंधित कोई आपराधिक मामला किसी अदालत में लंबित है।
निर्वाचन आयोग लोकसभा और विधानसभा चुनावों से पहले राज्यों को ऐसे निर्देश जारी करता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राजनीतिक झुकाव रखने वाले अधिकारी चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप न करें। साथ ही चुनाव को निष्पक्ष रखने की प्रक्रिया में कोई बाधा न आए।