*3 हजार एकड़ में फैला है अनंत अंबानी का ‘वनतारा’*
*• वनतारा बना दो सौ से अधिक हाथियों का घर, जैकूजी और मसाज की सुविधाएं*
*• हजारों घायलों व उपेक्षित जानवारों का हो रहा है पुनर्वास*
*• जीव सेवा, भगवान की सेवा है- अनंत अंबानी*
इस प्रोजेक्ट में अब तक 200 हाथियों सहित हज़ारों जानवरों को बचाया गया है। इनमें हर तरह का पशु, पक्षी और सरिसृप शामिल हैं। गेंडे, चीते और मगरमच्छ सहित कई प्रजातियों का पुनर्वास भी किया गया है। भारत से ही नहीं यहां विदेशों से भी उपेक्षित जानवरों को लाया गया है व उनका पूरी तरह ख़्याल रखा जा रहा है।
*वनतारा के बारे में श्री अनंत अंबानी कहते हैं*, “बहुत छोटी उम्र से ये मेरा सपना था लेकिन अब वनतारा मेरे जीवन का एक मिशन बन गया है। हमारा सबसे ज़्यादा ध्यान देश की सर्वाधिक संकटग्रस्त प्रजातियों को बचाने में लगा है। हमारे मिशन में देश-विदेश के जानवरों और चिकित्सा मामलों के कई विशेषज्ञ शामिल हैं। वनतारा केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण और अन्य सरकारी संगठनों के साथ पार्टनरशिप में काम करता है।“
*वनतारा के पीछे अपनी सोच के बारे में अनंत अंबानी ने कहा*, “सदियों से ‘करुणा’ की भावना हमारी संस्कृति का अंग रही है, इस भावना के साथ हम आधुनिक विज्ञान, तकनीक और प्रोफ़ेशनल नज़रिए को जोड़ रहे हैं। जीव सेवा, भगवान की सेवा है और इंसानियत का तकाज़ा भी।”
वनतारा में हाथियों के लिए विशेष शेल्टर बनाए गए हैं। हाथियों के नहाने के लिए जगह-जगह जलाशय हैं, हाथियों के लिए जैकूज़ी और मसाज जैसी सुविधाएं भी हैं। 200 हाथियों का ख़्याल रखने के लिए 500 से ज़्यादा प्रशिक्षित कर्मचारी व महावत हैं। एक्स-रे मशीन, लेज़र मशीन, हाइड्रोलिक पुली और क्रेन, हाइड्रोलिक सर्जिकल टेबल और हाइपरबेरिक ऑक्सीजन चेंबर और हाथियों के उपचार का तमाम आधुनिक सुविधाओं से लैस, एक अस्पताल भी सेंटर में खोला गया है। जो 25 हजार वर्ग फीट में फैला है। अन्य जानवारों के लिए 650 एकड़ में एक पुनर्वास सेंटर और 1 लाख वर्गफीट का अस्पताल भी यहां बनाया गया है।