बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है। 24 घंटे के भीतर राजधानी पटना में दो नए कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। इनमें से एक की उम्र 19 साल तो दूसरे की 50 साल है। हैरान करने वाली बात यह है कि बिहार में अभी संक्रमित मरीजों के सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग नहीं हो पा रही है। यह पता नहीं चल पा रहा है कि बिहार में जो कोरोना केस मिल रहे हैं, वो नए वैरिएंट जेएन-1 के हैं या ओमिक्रॉन से पीड़ित हैं।
पटना में मंगलवार को कोरोना के दो नए मरीज मिले। इनमें से एक 19 वर्षीय युवक बोरिंग रोड स्थित आनंदपुरी मोहल्ले का रहने वाला है। उसे सर्दी-खांसी, बुखार जैसे लक्षण के बाद जांच कराई गई थी। वहीं, एमएमसीएच में इलाज कराने आया 50 वर्षीय व्यक्ति संक्रमित मिला।अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. सरोज कुमार ने बताया कि उसे होम आइसोलेशन में रखा गया है।
अभी सूबे में मिल रहे संक्रमितों में ओमिक्रॉन वैरिएंट है या जेएन1 वैरिएंट, यह जानने के लिए और इंतजार करना होगा। क्योंकि इस बार इनकी जीनोम सीक्वेंसिंग नहीं हो पा रही है। कोरोना पीड़ितों की संख्या कम होने से आईजीआईएमएस की लैब में उतने सैंपल नहीं पहुंच पा रहे हैं जितना जीनोम सीक्वेंसिंग जांच के लिए जरूरी होता है।
पटना स्थित आईसीएमआर की लैब में कोरोना के आरटीपीसीआर टेस्ट के किट ही नहीं है। इस कारण लैब से जांच के लिए सैंपल पटना एम्स को भेजे जा रहे हैं। बता दें कि बिहार में पिछले कुछ दिनों में कोरोना के 20 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं। इनमें से सबसे ज्यादा पटना और गया के केस हैं। इसके अलावा मुजफ्फरपुर और दरभंगा से भी एक-एक कोविड संक्रमित मिल चुका है।