देश में आगामी कुछ दिनों में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा ने एक मास्टर स्ट्रोक दिया है। भाजपा के तरफ से वर्षों से लटके राम मंदिर के मुद्दे को साफ़ कर दिया है। उसके बाद अब भाजपा ने एक बार फिर हिंदुतत्व वाला अपना चेहरा मजबूत कर लिया है। लेकिन, इस मुद्दे से भाजपा के विरोधी पार्टी की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही है। इसकी वजह है की विपक्षी दल खुलकर इसका विरोध जाता नहीं सकती है और न ही इसका समर्थन कर सकती है। बिहार में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने विरोध जताने के क्रम में विवादित बातें कह डाली। तेजस्वी ने कहा है कि- भगवान राम को मंदिर बनबाना होता तो खुद ही बना लेते और पैर कटने पर लोग मंदिर नहीं जाएंगे बल्कि अस्पताल जाएंगे।
तेजस्वी के इस बयान को लेकर एक बार फिर से राजनीतिक दलों में ठंड के मौसम में गर्माहट का माहौल बन गया है। भाजपा और उसके सहयोगी को बड़े ही आसानी से इंडिया गठबंधन के ऊपर हमला बोलने का तरीका मिल गया है। ऐसे में हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने पलटवार किया।
तेजस्वी यादव के बयान पर अनिल विज ने विरोध जताते हुए कहा कि- ‘विनाशकाले विपरीत बुद्धि’ वाली बात है। विज ने कहा कि यह सब बातें भगवान राम ही विपक्ष के मुंह से निकलवा रहे हैं। विज ने कहा कि सारा भारत जान गया है कि मंदिर और अस्पताल का अपना एक अलग रुतबा होता है, लेकिन विपक्ष का नाश करीब होने के चलते वे जन भावनाओं को भी नहीं समझ पा रहे हैं कि पूरा देश राममय हो गया है।
तेजस्वी यादव ने राम मंदिर को लेकर एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि ‘बीमार पड़ोगे तो अस्पताल जाओगे न? भूख लगेगी और मंदिर जाओगे तो खाना मिलेगा? वहां तो उल्टा दान मांग लेंगे आपसे’। तेजस्वी ने सवाल पूछते हुए कहा था कि-अयोध्या में जो लाखों करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं उसमें कितने लोगों को नौकरी और शिक्षा मिल जाती। साथ ही आरोप लगाया कि भाजपा के लोग पाप करते हैं और फिर राम-राम करते हैं।