बिहार में शिक्षक बहाली के दो चरण खत्म हो चुके हैं। दोनों चरणों में लाखों शिक्षकों की बहाली सरकार ने की है। इसी बीच दरभंगा में पहले चरण की शिक्षक बहाली में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। विद्यालय अध्यापकों के बायोमेट्रिक सत्यापन के दौरान इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। इस मामले में एक फर्जी शिक्षक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
शिक्षा विभाग के आदेश पर दरभंगा में 3 जनवरी से चयनित विद्यालय अध्यापक का बायोमेट्रिक सत्यापन का काम चल रहा है। 10 जनवरी को बहेड़ी प्रखंड अंतर्गत चयनित विद्यालय अध्यापक के बायोमेट्रिक सत्यापन किया गया, जिसमें एक फर्जी शिक्षक पकड़ा गया है। जिसके बाद प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी शिवशंकर कुमार ने लहेरियासराय थाना को लिखित आवेदन देते हुए उसे पुलिस के हवाले कर दिया हैं।शिक्षक देवेन्द्र कुमार महतो मध्य विद्यालय खरारी, बालक, बहेड़ी में अध्यापक के रूप में योगदान एवं कार्यरत था।
बहेड़ी प्रखंड अंतर्गत चयनित विद्यालय अध्यापक के बायोमेट्रिक सत्यापन के दौरान फर्जी विद्यालय अध्यापक देवेन्द्र कुमार महतो पकड़ा गया है। शिक्षक का आधार संख्या, बीपीएससी परीक्षा का रौल नंबर, शिक्षक आईडी का बायोमेट्रिक मिलान नहीं हुआ और ना ही फोटो का ही मिलान हुआ। पूछताछ के दौरान अभ्यर्थी ने स्वीकार किया कि उनके साथ आये एक अन्य व्यक्ति जिनका नाम नवीन कुमार है, वो फर्जी अध्यापक देवेन्द्र कुमार महतो की जगह पर परीक्षा में बैठे थे।
नवीन कुमार ने भी लिखित रूप से स्वीकार किया है की वह देवेन्द्र कुमार की जगह पर परीक्षा में बैठे थे। बायोमेट्रिक सत्यापन के क्रम में यह भी पाया गया कि नवीन कुमार ही परीक्षा में बैठा था, उनका फोटो का भी मिलान हो गया है। प्रधानध्यापक के द्वारा भी यह स्वीकार किया गया है की बायोमेट्रिक मिलान के दौरान जिस व्यक्ति का फोटो का मिलान हुआ है वह व्यक्ति विद्यालय में कार्यरत नहीं था। फर्जी शिक्षक एवं उनके सहयोगी के पास से तीन लाख उनचालीस हजार रुपये पाया गए हैं।
खुलासे के बाद जिले के शिक्षा महकमें में हड़कंप मच गया है। प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी शिवशंकर कुमार की शिकायत पर लहेरियासराय थाने की पुलिस ने आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया है और उसे जेल भेजने की तैयारी शुरू कर दी गई है। फिलहाल पुलिस आरोपी शिक्षक से पूछताछ कर रही है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपी शिक्षक तीन लाख से अधिक रूपए लेकर बायोमेट्रिक सत्यापन के लिए क्यों पहुंचा था।