रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के बाद बिहार भाजपा ने एक बड़ी रणनीति कर ली तैयार

 अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के बाद बिहार भाजपा ने एक बड़ी रणनीति तैयार कर ली है। पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले रामलला का दर्शन कराने के लिए  राज्य के हर एक लोकसभा से एक स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है। पार्टी ने अब तक 15 आस्था स्पेशल ट्रेन बुक कर लिया है। 25 और ट्रेन चलाने का प्रस्ताव जल्द ही रेल मंत्रालय को भेजा जाएगा।

बिहार से पहली ट्रेन 29 जनवरी को भागलपुर से रवाना होगी। बिहार भाजपा के प्रदेश महामंत्री सह राम मंदिर दर्शन अभियान के राज्य संयोजक जगन्नाथ ठाकुर ने कहा कि 22 जनवरी के बाद अयोध्या में आम लोगों के दर्शन की सुविधा उपलब्ध है। पार्टी ने अगले दो महीने यानी 25 जनवरी से 25 मार्च तक 40 ट्रेन से बिहार के भक्तों को अयोध्या ले जाने का निर्णय लिया है।

एक ट्रेन से 1338 यात्री अयोध्या के लिए रवाना होंगे। लोगों को अनुशासित तरीके से अयोध्या ले जाया जाएगा। इसके लिए हरेक ट्रेन में एक ट्रेन लीडर होंगे। 20 बोगी की इस ट्रेन में हरेक बोगी में भी एक लीडर होंगे जो रामभक्त ही होंगे। इन यात्रियों को अयोध्या तक आने-जाने का आरक्षित सीट रहेगा। हर यात्री के पास  एक क्यूआर कोड का रहेगा। अगर कोई रामभक्त ट्रेन के अपने सदस्यों से बिछड़ गए तो उन्हें क्यूआर कोड के माध्यम से खोजा जा सकेगा। रामभक्त क्यूआर कोड के माध्यम से अपने ग्रुप के सदस्यों को देख सकेंगे और ट्रेन की जानकारी हासिल कर सकेंगे। ट्रेन लीडर अयोध्या के कंट्रोल रूम से जुड़े रहेंगे और उन्हें सभी यात्रियों की पूरी जानकारी रहेगी।

हर ट्रेन के अयोध्या पहुंचने से पहले बिहार का एक विशेष ग्रुप वहां मौजूद रहेगा। उस ग्रुप में 10 लोग होंगे जो अमुक ट्रेन से गए लोगों की देख-रेख, आवास, खाने-खिलाने और दर्शन का इंतजाम करेंगे। रामभक्तों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो, ग्रुप के सदस्य यह सुनिश्चित करेंगे। उत्तरप्रदेश से सटे जिलों कैमूर, बक्सर, सासाराम, सीवान, गोपालगंज, पूर्वी व पश्चिमी चम्पारण आदि जिलों से बस चलाया जाएगा। इन जिलों से 100 बसों का परिचालन करने का लक्ष्य तय किया गया है।

पायलट प्रोजेक्ट के तहत सबसे पहले एक-दो ट्रेन व बसों का परिचालन होगा। उससे मिले अनुभव के आधार पर ही बस व ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी चल रहे कार्यक्रमों के बारे में भाजपा नेता ने कहा कि 21 जनवरी तक स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। राज्य के बड़े-छोटे लगभग 60 हजार मंदिरों को साफ-सफाई करने का लक्ष्य रखा गया है। पार्टी कायकर्ता देर से पहुंचते हैं लेकिन स्थानीय जनता पहले ही पहुंच जा रही है।

रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के बाद बिहार भाजपा ने एक बड़ी रणनीति कर ली तैयार