बिहार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी विधानसभा में नियोजित शिक्षकों के भ्रम को दूर करते हुए बताया कि सक्षमता परीक्षा पास कर राज्यकर्मी बनने के बाद नियोजित शिक्षकों को तीन जिलों का विकल्प मिलेगा। शिक्षा मंत्री ने साफ़ कर दिया है कि जब समुचित रिक्तियां होगी तो पदस्थापन मिलेगा। पसंद के जिलों में अगर मेरिट के आधार पर जगह नहीं बचती है तो शिक्षकों को पसंद के विपरीत दूसरे जिलों में भी जाना होगा।
शुक्रवार को शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने विधान परिषद में आठ सदस्यों के ध्यानाकर्षण के जवाब में नियोजित शिक्षकों के भ्रम को दूर कर दिया। सरकार के उत्तर में उन्होंने दो टूक कहा – सक्षमता परीक्षा पास कर राज्य कर्मी बनने के बाद नियोजित शिक्षकों को तीन जिलों का विकल्प मिलेगा। पर वहां समुचित रिक्तियां होगी, तभी पदस्थापन मिलेगा। इसके साथ ही साथ ही यह भी साफ किया कि पसंद के जिलों में रिक्तियों को भरने के क्रम में अगर मेरिट के आधार पर जगह नहीं बचती है, तो शिक्षकों को पसंद के विपरीत दूसरे जिलों में भी जाना होगा।
चौधरी ने स्पष्ट किया कि विशिष्ट शिक्षक बनने के बाद भी अगर कोई सुविधा छूटती है, तो सरकार उसे पूरा करेगी। पहले इस मामले में शिक्षा से जुड़े विधान पार्षदों एवं विशेषज्ञों से बात करेंगे। उन्होंने यह बात प्रो. संजय सिंह एवं सात विधान पार्षदों की तरफ से विधान परिषद में लाए गए ध्यानाकर्षण के जवाब में कही है।