बिहार में विश्वविद्यालयों के मुद्दे पर राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच चला विवाद थमता हुआ नजर आ रहा है। शिक्षा विभाग द्वारा गुरुवार से कुलपतियों एवं यूनिवर्सिटी के अन्य पदाधिकारियों के लिए दो दिवसीय बैठक एवं ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किया गया है। बड़ी बात यह है किइस बैठक में वीसी को शामिल होने की अनुमति राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर की ओर से दे दी गई है। खास बात यह है कि बैठक की अध्यक्षता एसीएस केके पाठक के बजाय शिक्षा मंत्री सुनील कुमार करेंगे। माना जा रहा है कि शिक्षा मंत्री ने खुद राजभवन और शिक्षा विभाग के टकराव को खत्म करने के लिए हस्तक्षेप किया है।
पूर्व में आयोजित लगातार कई बैठकों में किसी भी यूनिवर्सिटी के कुलपति शामिल नहीं हो रहे थे। राजभवन की ओर से उन्हें अनुमति नहीं दी जा रही थी। ऐसे में यह बातें निकल कर समाने आ रही थी राजभवन और शिक्षा विभाग में विवाद चल रहा है। इसके बाद अब इन बातों पर रोक लगता हुआ नजर आ रहा है। हालांकि, इस बार एक परिवर्तन यह भी देखने को मिला कि अबतक के सभी बैठक की अध्यक्षता करने वाले के के पाठक थे। लेकिन, इस बार बैठक की अध्यक्षता शिक्षा मंत्री सुनील कुमार करेंगे।
बैठक में भाग नहीं लेने के कारण विभाग ने कुलपति समेत अन्य संबंधित पदाधिकारियों का वेतन स्थगित कर दिया। 28 और 29 को उन्मुखीकरण कार्यक्रम सह बैठक विभाग ने बुलाई है। बैठक में विश्वविद्यालयों के कुलपति, प्रतिकुलपति, कुलसचिव, वित्त परामर्शी और परीक्षा नियंत्रक को बुलाया गया है।
पिछले महीने यूनिवर्सिटी में लंबित परीक्षा के मुद्दे पर चर्चा के लिए केके पाठक ने 28 फरवरी को बैठक का आयोजन किया था। राजभवन ने कुलपति समेत यूनिवर्सिटी के पदाधिकारियों को इसमें जाने की अनुमति नहीं दी थी। इसके बाद यह बैठक रद्द कर दी गई। विभाग की ओर से मार्च महीने में ही दो बार और मीटिंग बुलाई गई। मगर उनमें भी कोई वीसी शामिल नहीं हुए। विभाग ने बैठक में नहीं आने वाले पदाधिकारियों का वेतन रोक दिया। इससे राजभवन और शिक्षा विभाग में टकराव तेज हो गया। शिक्षा मंत्री के हस्तक्षेप से अब यह विवाद थमने की संभावना है।