भीषण गर्मी से बिहार में स्कूल जाने वाले छात्र बीमार हो रहे हैं। स्कूलों को बंद करने के संबंध में निर्देश जारी किया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा को पत्र लिखा। उन्होंने स्कूलों को बंद करने के संबंध में कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। 30 मई से 8 जून तक सभी सरकारी और निजी स्कूलों के साथ कोचिंग संस्थान और आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद रखने का निर्णय लिया गया है। इसके बाद भी टीचरों को स्कूल आना होगा। पुरे मामले में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर ही है।
गिरिराज सिंह ने शिक्षकों एवं स्कूलों के मुद्दे पर बिहार शिक्षा विभाग पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक पर हमला बोलते हुए कहा कि शिक्षा विभाग को रोबोट चला रहा है। स्कूल बंद रहने पर भी शिक्षकों को काम पर बैठाया जा रहा है। गिरिराज ने कहा कि ऐसा लगता है कि शिक्षा विभाग में कोई व्यक्ति नहीं है, जिसमें संवेदना हो। तुगलकी कानून चलाया जा रहा है। इससे राज्य सरकार की छवि को नुकसान हो रहा है।
गिरिराज सिंह ने नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए ली जाने वाले दक्षता परीक्षा पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अगर परीक्षा लेनी है तो आईएएस अफसरों की ली जाए। 16-17 साल काम कराने के बाद शिक्षकों की परीक्षा क्यों ली जा रही है। केंद्रीय मंत्री ने पटना में बुधवार को मीडिया से बातचीत में ये बातें कहीं।
मुख्य सचिव ने निर्देश मिलने के बाद स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया है. भीषण गर्मी को देखते हुए कहा गया है कि 30 मई से 8 जून तक सभी सरकारी और निजी स्कूलों के साथ कोचिंग संस्थान और आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहेंगे. इसे बिहार सरकार ने आपदा मानते हुए निर्णय लिया है. बिहार के मुख्य सचिव के सभी डीएम को स्कूलों में शिक्षण कार्य बंद रखने का निर्देश दिया है।