हार का सामना करने का बाद लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य लौट गईं वापस सिंगापुर

लोकसभा चुनाव में हार का सामना करने का बाद लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य वापस सिंगापुर लौट गईं। चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद रोहिणी ने कहा था कि वह अब सारण में ही रहेंगी और जनता के बीच रहकर उनके सुख-दुख की भागी बनेंगी लेकिन वह वापस सिंगापुर लौट गईं हालांकि रवाना होने से पहले रोहिणी ने यह कहा कि वह जा रहीं हैं लेकिन जल्द ही वापस लौटकर आएंगी।

पिता लालू प्रसाद को अपनी किडनी देकर नया जीवन देने वाली रोहिणी आचार्य को आरजेडी ने सारण लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया था। सिंगापुर छोड़ रोहिणी बिहार पहुंचीं और पूरे लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार किया। खुद लालू प्रसाद बेटी को जीत दिलाने के लिए सारण में कैंप कर रहे थे और तमाम सियासी रणनीति पर काम किया।

वोटिंग के दिन रोहिणी लालू प्रसाद के करीबी भोला यादव के साथ एक बूथ पर जा पहुंची थीं, जहां लोगों ने उनके ऊपर बूथ कैप्चर करने का आरोप लगाया था। भारी हंगामा के बीच किसी तरह से पुलिस ने रोहिणी और भोला यादव को लोगों के बीच से निकाला। वोटिंग खत्म होने के दूसरे ही दिन इस विवाद को लेकर दो पक्षों के बीच गोलियां चलीं थीं।

घटना में आरजेडी के कार्यकर्ता की मौत हो गई थी जबकि दो लोग गंभीर रुप से घायल हो गए थे। घटना के बाद छपरा में भारी उपद्रह हुआ और  हालात काबू करने में पुलिस को पसीने छूट गए। पूरे जिले में दो दिनों तक इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी। रोहिणी ने घटना के पीछे बीजेपी का हाथ बताया था और कार्रवाई की मांग की थी।

4 जून को जब चुनाव नतीजे आए तो लालू प्रसाद की फिल्डिंग काम नहीं आई और रोहिणी आचार्य को हार का सामना करना पड़ा। बीजेपी उम्मीदवार राजीव प्रताप रूडी चुनाव जीत गए। चुनाव हारने के बाद रोहिणी ने कहा था कि वह सारण में ही रहेंगी और जनता के सुख दुख की साथी बनेंगे लेकिन बुधवार को वह वापस सिंगापुर लौट गईं।

सिंगापुर रवाना होने से पहले पटना एयरपोर्ट पर रोहिणी ने कहा कि 15 दिनों के बाद वह फिर सिंगापुर से पटना लौटेंगी। उन्होंने कहा कि अपने बच्चों से मिलने के लिए सिंगापुर जा रही हूं और लौटने के बाद फिर से सारण की जनता के बीच रहूंगी और उनके लिए काम करूंगी हालांकि देखने वाली बात होगी कि क्या रोहिणी सारण की जनता से किए अपने वादे पर कबतक कायम रह पाती हैं।

हार का सामना करने का बाद लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य लौट गईं वापस सिंगापुर