ईद उल अजहा का त्यौहार मनाया जाता है दो नबियों इब्राहीम और उनके बेटे इस्माइल की याद में

कुर्बानी का त्यौहार ईद उल अजहा आज मनाया जा रहा है। पटना सहित प्रदेश की ईदगाहों और मस्जिदों में इसकी नमाज अदा की जा रही है। इसमें काफी संख्या में मुसलमान परवरदिगार की बारगाह में सजदा अदा कर रहे हैं।

ईद उल अजहा का त्यौहार दो नबियों इब्राहीम और उनके बेटे इस्माइल की याद में मनाया जाता है. मुस्लिम समाज के लोग इस खास दिन पर खुदा की राह में कुर्बानी पेश करते आ रहे हैं। वहीं बकरीद को लेकर पटना  में प्रशासन चौकस है।
कहा जाता है कि, हजरत इब्राहीम का खुदा में पूरा भरोसा था। एक बार उन्हें सपना आया कि वह अपने बेटे की कुर्बानी दे रहे हैं। इसे उन्होंने अल्लाह का संदेश मान लिया। इसके बाद उन्होंने खुदा के लिए बच्चे की कुर्बानी का फैसला ले लिया। उनकी इबादत पर खुदा को रहम आ गया। इसके बाद खुदा ने बेटे की जगह जानवर की कुर्बानी की बात कह। इब्राहीम ने अमल किया। उन्होंने अपने खास मेमने की कुर्बानी दी। तब से बकरीद पर कुर्बानी का चलन हो गया। इसीलिए बकरीद मनाई जाती है।
बकरों की खरीदारी के लिए रविवार की देर रात तक लोग बाजार में रहे। मंडी में गुलाबी रंग की खाल वाले बकरों को लोगों ने ज्यादा पसंद किया। दूधिया सफेद रंग बकरे देखने में भी सुंदर लगते हैं। ऐसे बकरों की मुंह मांगे दामों में खरीदा।

 

कुर्बानी 17, 18 और 19 जून को होगी। ईद उल अजहा की नमाज सुबह 10 बजे पटना के गांधी मैदान में  पूरी कर ली है। ईदगाह में सफाई और टेंट का इंतजाम किया गया। गर्मी को देखते हुए पानी की व्यवस्था भी ज्यादा की गई है। ईदगाह परिसर और उसके आसपास भी सफाई कराई गई है।

ईद उल अजहा का त्यौहार मनाया जाता है दो नबियों इब्राहीम और उनके बेटे इस्माइल की याद में
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