मणिपुर में पिछले दिनों उग्रवादियों ने सीआरपीएफ की टीम पर हमला बोल दिया था। इसमें मधुबनी के रहने वाले अजय झा शहीद हो गए थे। शहीद का पार्थिव शरीर गांव पहुंचने के बाद पूरे सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि की गई। मौके पर भारत माता जय के नारों से पूरा इलाका गुंजायमान हो उठा।
14 जुलाई को मधुबनी के बांकी गांव निवासी सीआरपीएफ के जवान अजय कुमार झा मणिपुर में हमले में शहीद हो गए थे। आज मधुबनी में उनका अंतिम संस्कार किया गया। पूरे सम्मान के साथ आज सुबह उनके पैतृक गांव मधेपुर थाना क्षेत्र के बांकी में शहीद को अंतिम सलामी दी गई। सीआरपीएफ के आलाधिकारियों, जवानों एवं प्रशासन के अधिकारियों द्वारा पुलिस ऑनर सहित सभी सैनिक सम्मान दिया गया।
शहीद की पत्नी अन्नू देवी अपने बच्चों के साथ सीआरपीएफ कैंप झपहां से घर पहुंची थीं। शहीद जवान के संबंधी भी अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे हुए थे। सोमवार आधी रात शाहिद जवान का पार्थिक शरीर घर पहुंचा था। मंगलवार सुबह सात बजे सीआरपीएफ के वरीय अधिकारियों, बिहार सरकार में मंत्री शीला मंडल, सांसद रामप्रीत मंडल, जिले के डीएम एवं एसपी की उपस्थिति में सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
अजय कुमार झा असम के ढ़िब्रूगढ़ में 20 बीएन सीआरपीएफ में कार्यरत थे। जहां से पांच दिन पहले ही उनके टीम को मणिपुर के जिरीबाम भेजा गया था। जहां जिरीबाम थाने से आठ किलोमीटर दूर मोंगबुंग में हथियार बंद संदिग्ध उग्रवादियों ने उनके टीम पर पहाड़ पर से हमला कर दिया। जिसके बाद उग्रवादी जंगल में फरार हो गए। सिर में गोली लगने से अजय कुमार झा शहीद हो गए और दो ऑफिसर जख्मी हो गए थे।
अजय कुमार झा की प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल में हुई। जवाहर उच्च विद्यालय मधेपुर से वर्ष 1995 में उन्होंने मैट्रिक की। फिर हर्षपति सिंह महाविद्यालय मधेपुर से अंतर स्नातक और स्नातक की। वर्ष 2004 में उनका चयन सीआरपीएफ में हुआ था। मैतयी और कूकी समुदाय के बीच जातीय हिंसा की आग मणिपुर में एक साल से जल रही है, जिसमें अबतक कई जवान शहीद हो चुके हैं।