बिहार में बेलगाम अपराध के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाईलेवल मीटिंग की. बैठक में डीजीपी और गृह विभाग के प्रधान सचिव ने प्रजेंटेशन दिया. कहा-बिहार में अपराध कहां बढ़ा है, क्राइम तो कम हो गया है. पहले भूमि विवाद में ज्यादा हत्या होती थी, अब कम हो रही है. नीतीश कुमार ने बैठक में वही बातें दुहरायी जो 2005 से लेकर अब तक हर बैठक में दुहराते आ रहे थे. नयी बात ये रही कि मुख्यमंत्री ने बिहार में साप्रंदायिक सद्भाव बनाये रखने के लिए पुलिस की पीठ थपथपाई और बैठक खत्म हो गयी.
बैठक में बिहार सरकार के तमाम आलाधिकारी मौजूद थे. डीजीपी समेत पटना में पोस्टेड पुलिस के अधिकारी थे. सूबे के तमाम कमिश्नर, आईजी, डीआईजी, डीएम और एसपी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जुड़े थे. करीब तीन घंटे तक चली बैठक में अधिकारियों ने बिहार में मंगलराज होने का दावा कर दिया.
बैठक में डीजीपी आर०एस० भट्ठी ने अपराध नियंत्रण को लेकर किए जा रहे काम की जानकारी दी. पुलिस महानिदेशक ने कहा कि पुलिस मुस्तैदी के साथ लगातार काम कर रही है. अपराध अनुसंधान के कार्य भी तेजी से किए जा रहे हैं ताकि दोषियों को शीघ्र सजा मिल सके. भू समाधान पोर्टल के माध्यम से जमीन संबंधित मामलों की निरंतर निगरानी कर समाधान किया जा रहा है, जिससे भूमि विवाद में कमी हो रही है.
डीजीपी ने कहा कि पहले जितनी हत्या होती थी, उसमें 60 प्रतिशत हत्यायें भूमि विवाद के कारण होती थी, अब यह घटकर 46.69 प्रतिशत हो गयी है. डायल 112 सेवा पूरे राज्य में 20 मिनट के अंदर लोगों को उपलब्ध होने से नागरिकों को बेहतर पुलिस सेवा उपलब्ध हो रही है. डीजीपी का दावा था कि 112 नंबर पर कॉल करते ही राज्य के किसी हिस्से में पुलिस 20 मिनट में पहुंच जा रही है.
मीटिंग में मुख्यमंत्री ने वही बातें दुहरायी जो वो पिछले 18 सालों से पुलिस को बोलते आ रहे हैं. नीतीश कुमार ने कहा कि विधि व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है इसलिए अपराध नियंत्रण में किसी प्रकार की कोताही नहीं होना चाहे. पुलिस गश्ती में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरते, रात्रि गश्ती और तेज करे. रात्रि एवं पैदल गश्ती को और प्रभावी बनाने के लिये वरीय पदाधिकारी क्षेत्र में जाकर रात्रि में स्वयं औचक निरीक्षण करें. कानून व्यवस्था को बनाये रखने में सभी पूरी तन्मयता से काम करें.
दिलचस्प बात ये भी है कि 2005-6 से नीतीश कहते आ रहे हैं कि काम में लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई होगी. लेकिन आज तक अपराध रोकने में विफल रहने के आऱोप में किसी एसपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई. वैसे, नीतीश कुमार ने आज फिर कहा कि काम में लापरवाही बरतने वाले पुलिस कर्मियों पर सख्त कार्रवाई होगी. पुलिस अपराध अनुसंधान में तेजी लाए और इसे समय पर पूरा करे ताकि दोषियों पर जल्द कार्रवाई हो सके. कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिये पुलिस और प्रशासन मुश्तैदी से कार्य करे तथा अपराध नियंत्रण के लिए पूरी सख्ती से कार्रवाई करे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार पुलिस की संख्या बढ़ाने के लिये विभिन्न श्रेणियों में 2,29,139 पद स्वीकृत किये जा चुके हैं. 1,06,436 पुलिसकर्मी कार्यरत हैं. बाकी के खाली पदों पर बहाली शीघ्र की जाये. नीतीश ने कहा कि 2013 से ही पुलिस में महिलाओं के लिये 35 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है. बिहार पुलिस में महिलाओं की संख्या लगभग 30 हजार हो गयी है. बिहार पुलिस में महिलाओं की भागीदारी देश में सबसे ज्यादा है. उन्होंने कहा कि पुलिस बल में महिलाओं की संख्या बढ़ने से थानों में जो महिलायें शिकायत लेकर आतीं हैं, उन्हें समस्याओं के समाधान में सहूलियत हो रही है और उनका आत्मविश्वास बढ़ रहा है. हर थाने में महिला पदाधिकारी और महिला पुलिस कर्मियों का पदस्थापन सुनिश्चित किया जाय. उन्होंने कहा कि थाने में आने वाले आगंतुकों के साथ अच्छा व्यवहार हो, उनकी बातें सुनी जाय, यह सुनिश्चित किया जाय.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 60 प्रतिशत से अधिक हत्याएं भूमि विवाद के कारण होती हैं, जो अब घट रहा है. आज जानकारी दी गयी है कि 46.69 प्रतिशत हो गया है, यह अच्छी बात है. उन्होंने कहा कि लैंड सर्वे एंड सेटलमेंट का काम तेजी से पूर्ण हो ताकि भूमि विवाद को लेकर होनेवाली अपराध की घटनाओं में पूरी तरह कमी आए. पुलिस शराबबंदी के क्रियान्वयन पर विशेष नजर रखें, गड़बड़ी करने वालों को चिह्नित कर कार्रवाई करें. इसमें जो पदाधिकारी संलिप्त हैं, उनको चिहिनत कर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि अवैध खनन को रोकने के लिये सख्ती से कार्रवाई सुनिश्चित की जाय.
बिहार में साम्प्रदायिक सद्भाव का माहौल कायम है, इसके लिये पुलिसकर्मियों ने अच्छा काम किया है. प्रशासन और पुलिस पूरी मुश्तैदी के साथ असामाजिक तत्वों पर नजर बनाये रखे.