बिहार में पुलों के ध्वस्त होने का सिलसिला जारी है। एक महीने के भीतर राज्य के जिलों में दर्जनभर से अधिक पुल ध्वस्त हो चुके हैं। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है और सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार के साथ-साथ एनएचएआई और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सीतामढ़ी में एक और पुल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है।
सोनबरसा प्रखंड क्षेत्र के इंदरवा पंचायत के डालकावा गांव को जाने वाली सड़क पर बांके नदी के ऊपर बना आरसीसी पुल अचानक ध्वस्त हो गया है। पुल के ध्वस्त होने के बाद इलाके की बड़ी आबादी पर इसका सीधा असर पड़ने वाला है। पुल के ध्वस्त होने के बाद आसपास के कई गांवों का संपर्ख भंग हो गया है। लोगों को आवागमन में भारी परेशानी हो रही है।
करीब 10 साल पहले ग्रामीणों की मांग पर बांके नदी के ऊपर पुल का निर्माण कराया गया था। पुल के बनने के बाद इलाके के लोगों को बड़ा लाभ मिला था और उनकी परेशानी दूर हो गई थी। कुछ दिन पहले पुल का एक पाया पानी की तेज धार में क्षतिग्रस्त हो गया था। पाया क्षतिग्रस्त होने के बावजूद पुल से भारी वाहनों का आवागमन हो रहा था।
गुरुवार को पुल से भारी वाहन के गुजने के बाद शुक्रवार को पुल ध्वस्त हो गया। पुल के ध्वस्त होने के बाद ग्रामीमों के समक्ष बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है और ग्रामीण भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं। मामले पर बीडीओ सत्येन्द्र कुमार ने बताया कि वरीय अधिकारियों को घटना की जानकारी दे दी गई है, जल्द ही आवागमन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कर ली जाएगी।
करीब डेढ़ महीना पहले अररिया में बकरा नदी पर निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा धराशायी होने के बाद बिहार में पुलों के गिरने का जो सिलसिला शुरू हुआ है वह लगातार जारी है। कई पुलों के ध्वस्त होने के बाद सरकार जागी और पुलों के सर्वे का काम शुरू हुआ। सर्वे में बिहार के कई पुलों के खतरनाक होने की बात सामने आई थी।
बिहार में पुलों के गिरने का मामला सुप्रीम कोर्ट में है और अदालत ने नोटिस जारी कर बिहार सरकार, एनएचआई और सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय से जवाब मांगा है। बिहार में मानसून के जोर पकड़ने के बाद फिर से पुलों के धराशायी होने का सिलसिला शुरू हो गया है।