64 रिद्धि कलश स्थापित कर हुआ चातुर्मास कलश स्थापना का भव्य समारोह

64 रिद्धि कलश स्थापित कर हुआ चातुर्मास कलश स्थापना का भव्य समारोह

आरा। भगवान महावीर मार्ग (जेल रोड) स्थित श्री दिगंबर जैन चंद्रप्रभु मंदिर प्रांगण में क्रांतिकारी विचारक मुनि श्री 108 विशल्य सागर महाराज ससंघ का भक्तों द्वारा 3 मुख्य कलश तथा 64 रिद्धि कलश स्थापित कर चातुर्मास कलश स्थापना का भव्य समारोह हुआ। मुख्य कलश में प्रथम कलश विजय लक्ष्मी-एन. सी. जैन, भोपाल, द्वितीय कलश तेजपाल-रोहित गंगवाल, हावड़ा, प्रीति-लोकेश अग्रवाल को सौभाग्य प्राप्त हुआ। मुनिसंघ के चातुर्मास कलश स्थापना के कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए देशभर से श्रद्धालु आरा पहुंचे थे। कार्यक्रम का शुभारंभ मंगलाचरण भव्या जैन द्वारा एवं भक्तों द्वारा दीप प्रज्वलन करके किया गया। तत्पश्चात मुनिश्री के गुरुदेव परम् पूज्य समाधि सम्राट गणाचार्य श्री 108 विराग सागर जी महाराज एवं पट्टाचार्य आचार्य श्री 108 विशुद्ध सागर जी महाराज के चित्र का अनावरण भक्तों के द्वारा किया गया एवं मुनिसंघ को शास्त्र भेंट किया गया। रायपुर से पधारे प्रतिष्ठाचार्य पं अजीत कुमार जैन शास्त्री ने मुनिश्री के जीवन पर विस्तार से चर्चा किए। समाज के बच्चों एवं महिलाओं के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम में स्वागत गीत, भक्ति भजन एवं भाव नृत्य की प्रस्तुति दिए। कलश स्थापना के कार्यक्रम में आरा मेयर इंदु देवी महाराज श्री का दर्शन करके पुण्य संचित किए। भजन सम्राट दीपक प्रकाश जैन के भजनों पर श्रद्धालु झूम उठे। बाहर से पधारे मुनिभक्तों ने मुनिश्री के चातुर्मास कलश के उपलक्ष्य में अपने-अपने मंतव्य देकर अपनी भाव-भक्ति निवेदित किए। चातुर्मास कलश स्थापना के कार्यक्रम में मुनिश्री ने भक्तों को संबोधित करते हुए बोले कि चातुर्मास में जैन मुनि और साध्वियां एक ही स्थान पर ठहरकर, आत्म-चिंतन, तपस्या और धार्मिक गतिविधियों में संलग्न होते हैं। यह समय उपवास, ध्यान, और धार्मिक ग्रंथों के अध्ययन के लिए विशेष महत्व रखता है। चतुर्मास के दौरान ही जैन धर्म का सबसे महत्वपूर्ण पर्व, पर्युषण महापर्व मनाया जाता है। जैन चतुर्मास आत्म-सुधार, धार्मिकता और आध्यात्मिक विकास का एक उत्कृष्ट अवसर है। चातुर्मास समय का सदुपयोग करके, व्यक्ति अपने जीवन को सफल बना सकता है। मीडिया प्रभारी निलेश कुमार जैन ने बताया कि आरा में क्रांतिकारी विचारक परम् पूज्य मुनि श्री 108 विशल्य सागर महाराज, छुल्लक श्री 105 विश्वमार्दव सागर जी महाराज, क्षुल्लिका श्री 105 विशाम्यश्री, क्षुल्लिका श्री 105 धवलश्री, ब्रह्मचारिणी अलका दीदी, ब्रह्मचारिणी भारती दीदी, ब्रह्मचारी अनिष भैया जी मुनिसंघ में है जिनका विधिवत चातुर्मास आरा में संपन्न होगा। संध्याकालीन कार्यक्रम में आरती, भजन, प्रश्नमंच, शंका समाधान, गुरुभक्ति, भाव नृत्य, व्यावृत्ति इत्यादि का कार्यक्रम संपन्न हुआ। चातुर्मास कलश स्थापना के कार्यक्रम में अध्यक्ष कमलेश कुमार जैन, रीना जैन, डॉ आदित्य विजय जैन, बिभु जैन, धीरेन्द्र चंद्र जैन, डॉ शशांक जैन, अजय कुमार जैन, निलेश कुमार जैन, अजीत कुमार जैन, सुबीर जैन, रौशन जैन, मनोज जैन, दीपू जैन, नीरज जैन, मनीष जैन, डॉ श्वेता जैन, आकाश जैन, अज्जू जैन, महेंद्र किशोर जैन, अमूल जैन, उषा जैन, पूजा जैन, साहू जैन, चंद्राभ जैन, श्रेयांश जैन, अखिलेश जैन, अपूर्व जैन, विवेक जैन, वंश जैन, मन्नू जैन, रजत जैन, भावेश जैन, छवि जैन, पूर्णिमा जैन, जुली जैन, रूपाली जैन, अलका जैन, नेहा जैन, साधना जैन, वैभव जैन, रोहित जैन, सिद्धांत जैन, ओंकार अग्रवाल, अरिहंत जैन, परिमल जैन के साथ सैकड़ों की संख्या में भक्तगण शामिल थे।

64 रिद्धि कलश स्थापित कर हुआ चातुर्मास कलश स्थापना का भव्य समारोह