अंगकोकिल डा०परमानन्द पाण्डेय शिखर सम्मान से चार बिहारी विभूतियां हुईं सम्मानित

अंगकोकिल डा०परमानन्द पाण्डेय शिखर सम्मान से
चार बिहारी विभूतियां हुईं सम्मानित
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बिहार, पटना

बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन की ओर से -सदी के श्रेष्ठ भाषा वैज्ञानिक अंगिका के जनक अंगकोकिल डाॅ०परमानन्द पाण्डेय जयन्ती का परमा दिवस अंगिका दिवस के रूप मे बहुत ही भव्य आयोजन हुआ।
उक्त ऐतिहासिक आयोजन मे
बिहार की चार साहित्यिक विभूतियों को डा०परमानन्द पाण्डेय शिखर सम्मान प्रदान किया गया।नयी दिल्ली की
मैग्पाय एक्स्ट्रीम द्वारा शिखर सम्मान से विभूषित होने वाले
महत्त्वपूर्ण नाम हैं—अंगिका के प्रचार प्रसार के लिए
कैलाश ठाकुर और हिंदी में ,
हिंदी साहित्य एवं संगीत में महत्वपूर्ण योगदान के लिए बिहार संगीत नाटक अकादमी के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर शंकर प्रसाद,हिंदी हास्य व्यंग में महत्वपूर्ण योगदान के लिए हास्य व्यंग के चर्चित कवि सुनील कुमार दुबे को तो वहीं हिंदी साहित्य साधकों सेवियों की स्मृति रक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ अनिल सुलभ को प्रदान किया गया ।
पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्त्ति
हेमन्त कुमार श्रीवास्तव,वरिष्ठ चिकित्सक पद्मश्री गोपाल प्रसाद,पूर्व न्यायाधीश न्याय मूर्त्ति अमरेश कुमार लाल,एमिटी यूनिवर्सिटी के प्रतिकुलपति डाक्टर विवेकानन्द पाण्डेय
आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।
इस मौके पर अरुण कुमार श्रीवास्तव की
काव्य पुस्तक *मुट्ठी भर सृजन* का लोकार्पण भी किया गया।
साथ ही कुछ प्रमुख कवियों ने
इस अवसर पर अपनी कवितायें सुना कर इस
अत्यन्त भव्य उत्सव मे चार चांद लगा दिये। कवियों में डाक्टर अनिल सुलभ,डाक्टर शंकर,सुनील दुबे,ब्रह्मानंद पाण्डेय,पूर्व आइ ए एस बच्चा ठाकुर, कुमार अनुपम,प्रणव पराग के
अतिरिक्त अपनी बेहद तल्ख और ओजपूर्ण कविताओ के लिये प्रसिद्ध प्रकाश ,मुख्य थे।
अरविन्द महिला काॅलेज की पूर्व प्राचार्या डाक्टर मधु वर्मा ,प्रो •डा•आनन्द मूर्त्ति , चन्दा झा,राधा रानी,रंगोली,प्रिन्स कुमार,कामिनी,मनोज कुमार,
गोवर्द्धन पुरी,विनय सोनी आदि उपस्थित थे।खचाखच भरे हाॅल
के प्रति धन्यवाद ज्ञापन नागेश्वर यादव ने किया।
विद्वानो ने डाॅक्टर परमानन्द पाण्डेय को हिन्दी और अंगिका
केलिए अद्भुत रूप से याद करते हुए उनकी अनमोल देन की विस्तृत तस्वीरे उकेरी।
डाक्टर शंकर ने डाक्टर परमानन्द पाण्डेय के उस गीत को गजब शानदार तरीके से गाकर लोगो को मन्त्रमुग्ध कर दिया जो आजादी के पहले महाकवि पन्त,
श्याम नारायण पाण्डेय और बालकृष्ण शर्मा नवीन के साथ
देश के अनेक मंचो पर बेहद मधुर स्वर में गाते थे और लोग झूमने लग जाते थे।डॉक्टर परमा देखने में भी गुलाबी संगमरमर सा निर्मित एक अलौकिक महामानव थे।परमा दिवस-अंगिका दिवस के मौके पर अमेरिका के फ्लोरिडा में भी डाक्टर परमा जयन्ती मनायी गयी ।

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