बाढ/ अजय कुमार मिश्रा की रिपोर्ट
बे मौसम बरसात ने तोड़ी किसान की कमर
बाढ़ में बेमौसम बरसात होने से किसानों की अच्छी खासी फसलें बरबाद हो गई। जिसमें मसूर, गेहूं, खेसारी, चना, सरसो इत्यादि की फसल मुख्य रूप से शामिल है। मसूर की फसल को काटकर दौनी के लिए खलिहान में रखा गया था। लेकिन दौनी से पहले ही वारिस हो जाने से फसलें भीग गई, जिससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है। धनावां मुबारकपुर एवं बेढ़ना पूर्वी के किसानों द्वारा लगाए गए। खासकर दलहनी फसलों को काफी मात्रा में नुकसान हुआ है। वहीं गेहूं की फसल को आंशिक रूप से क्षति हुई है। जिसके कारण किसान काफी दुःखी है। कई किसानों ने प्लास्टिक के त्रिपाल से ढककर फसलों को बचाने की कोशिश भी की गई वो भी नाकाम साबित हुआ। बचाव के साधन बहुत कम होने के कारण बहुत सारी फसलें खेत खलिहान में ही रह गई। जिससे पुरा फसल भीग गया। किसानों का कहना है। कि लगभग 80 प्रतिशत फसल इस बेमौसम बरसात से बर्बाद हो गई है। स्थानीय किसान महेश प्रसाद सिंह ने कहा कि सैंकड़ों एकड़ में लगी रबी की फसल का 80 प्रतिशत हिस्सा बर्बाद हो गया है। इसलिए सरकार से आग्रह है कि किसानों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए मुआवजे का प्रावधान किया जाए। क्योंकि किसानों के आमदनी का एकमात्र जरिया फसल ही होता है वह भी बर्बाद हो गया।