इंडिया सिटी लाइव (पटना) 23 दिसम्बर : बिहार के सभी जूनियर डॉक्टर्स आज से ङड़ताल पर चले गए हैं। कोरोना संकट के समय जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं। पूरे राज्य में जूनियर डॉक्टरों के भरोसे ही स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से चल पा रही हैं। अब इनके हड़ताल पर चले जाने से मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों की व्यवस्था चरमरा जाने का संकट है।
गौरतलब है कि पहले भी जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर जाते रहे हैं।हर बार उनकी मांगों की फेहरिस्त लंबी रहती थी लेकिन इस बार जूनियर डॉक्टरों की एक सूत्री मांग है कि उनका स्टाइपेंड बढ़ाया जाए। बुधवार की सुबह सात बजे से ही राज्य के सभी मेडिकल एवं अस्पतालों के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। बताते चलें कि जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन का दावा है कि वर्ष 2017 से ही जूनियर डॉक्टरों का स्टाइपेंड रिवाइज नहीं किया गया है। वर्तमान समय में फर्स्ट इयर के छात्रों को 50 से 55 हजार रूपए मिलते हैं। जेडीए का कहना है कि हर तीन साल पर स्टाइपेंड रिवाइज हो जाना चाहिए लेकिन मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपल से लेकर स्वास्थ्य सचिव तक कोई भी उनकी बात नहीं सुन रहा।
उधर जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों में ओपीडी सेवा से लेकर पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था ही चरमरा गई है। गौरतलब है कि पूरे राज्य में लगबग 1000 जूनियर डॉक्टर हैं । जूनियर डॉक्टरों ने एलान किया है कि अगर उनकी बात नहीं सुनी गी तो आन्दोलन तेज करेंगें। हालाकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से अबी तक कोई प्रतिक्रिया नीं आई है। लेकिन कहा जा रहा है कि कोरोना संकट को लेकर सरकार अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से चलाने के लिए जल्द ही जूनियर डॉक्टरों से बात करेगी।