इंडिया सिटी लाइव 6 फरवरी : मधुबनी के जयनगर से नेपाल के कुर्था के बीच रेलवे ट्रैक के आमान परिवर्तन का कार्य पहले ही पूरा हो चुका है. अब इस पर ट्रेन चलाने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार हो गई है. बिहार से नेपाल के बीच ट्रेन चलाने के लिए नेपाल सरकार ने कोंकण रेलवे से दो डेमू ट्रेन की खरीदारी की है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार को राज्यसभा में भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी की ओर से पूछे एक सवाल के जवाब में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इस परियोजना पर विस्तार से जानकारी दी. रेल मंत्री ने सदन में बताया कि जयनगर (भारत) और कुर्था (नेपाल) के बीच आमान परिवर्तन परियोजना का कार्य 548 करोड़ की लागत से अक्टूबर, 2018 में ही पूरा हो चुका है. इस खंड पर परिचालन के लिए मानक परिचालन प्रक्रिया तैयार कर ली गई है. आमान परिवर्तन परियोजना के तहत भारत के जयनगर और नेपाल के कुर्था खंड का कार्य अक्टूबर, 2018 में पूरा होने के बाद नेपाल सरकार द्वारा कोंकण रेलवे निगम लिमिटेड से 1600 एचपी के डीजल-इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट डेमू रैक के 2 सेट खरीदे गए हैं.
रेल मंत्री ने सदन को बताया कि परिचालन के लिए एसओपी तैयार कर ली गई है. नेपाल सरकार से टिप्पणी प्राप्त होने के बाद इस खंड पर गाड़ी परिचालन की तिथि तय कर ली जाएगी. एक अन्य प्रश्न के उत्तर में रेल मंत्री ने बताया कि 422 करोड़ की लागत से बन रहे जोगबनी-विराटनगर 18.6 किमी लंबी रेललाइन परियोजना को 2010-11 में स्वीकृति दी गई थी. जोगबनी की जगह बथनाहा से दो चरणों में शुरू हुआ. इसके पहला चरण का काम 2018 में पूरा कर लिया गया और इस मद में 286 करोड़ खर्च किए गए. बथनाहा- विराटनगर खंड में पहले चरण में बथनाहा से नेपाल कस्टम यार्ड (8 किमी) पर रेललाइन का कार्य नवम्बर 18 में पूरा हो चुका है.
बथनाहा कस्टम यार्ड और नेपाल कस्टम यार्ड में माल संबंधी सुविधाओं का विकास कार्य शुरू किया गया है. अब दूसरे चरण में नेपाल कस्टम यार्ड से विराटनगर (10.6 किमी) में कार्य शुरू हो गया है. फिलहाल, विराटनगर यार्ड के 1.8 किमी लम्बाई के लिए 59.34 एकड़ भूमि नवम्बर, 2019 में ही नेपाल सरकार को सौंप दी गई है. नेपाल सरकार की ओर से 11 ओवरहेड विद्युत लाइनों को अभी शिफ्ट किया जाना बाकी है. इस परियोजना को शीघ्र पूरा करने के लिए सरकार के स्तर पर सभी प्रयास किए जा रहे हैं.