सांझ-ए-बक्सर ” से सुरमयी हुई बक्सर की शाम..

“सांझ-ए-बक्सर ” से सुरमयी हुई बक्सर की शाम..

बक्सर के गंगा तट पर बही लय की रसधार…

देर रात तक गोता लगाते रहे श्रोता…

मेहुल पंडित ने सांस्कृतिक कार्यक्रम से बांधा समा…
आर्ट अऑफ लिविंग ने आयोजित किया कार्यक्रम..

बक्सर से कपीन्द्र किशोर की रिपोर्ट..

1/11/2021

 

बक्सर में गंगा की कलकल बहती धाराओं के बीच…रामरेखाघाट पर सांझ ए बक्सर का भव्य आयोजन किया गया…
शहर के धराशायी होते सांस्कृतिक धरोहर को बचाने के लिऐ आर्ट आफ लिविंग के सौजन्य से एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया…
जिसमें प्रसिद्ध संगीतज्ञ ने अपने कला प्रर्दशन से लोगों का मन मोह लिया…
सांस्कृतिक कार्यक्रम में बाहर से आये कलाकारों.. ने समा बांध दिया..कार्यक्रम का उद्घाटन अपर अनुमंडल अधिकारी.. दीपक कुमार के द्वारा किया गया…
देर शाम शुरू हुऐ इस कार्यक्रम में कलाकारों को सुनने के लिऐ…हजारों की संख्या में दर्शक उपस्थित थे…
बक्सर में हुऐ इस विशेष आयोजन में लोगों ने पहली बार जमकर सांस्कृतिक संध्या का लुफ्त उठाया….रामरेखाघाट के गंगा तट पर हुऐ इस कार्यक्रम में शहर के लोगों न अपना भरपूर योगदान और समय दिया..कार्यक्रम को सफल बनाने में आर्ट ऑफ लिविंग ने खूब मेहनत की..
आर्ट ऑफ लिविंग की स्थानीय शाखा के द्वारा स्थानीय रामरेखा घाट पर संगीतमय संध्या साँझ-ए-बक्सर का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय सिंगर, कंपोजर तथा गिटारिस्ट मेहुल पंडित के द्वारा सूर्यास्त के समय संगीत की तरंगों में डूबी साँझ-ए-बक्सर कार्यक्रम में अपनी बेहतरीन प्रस्तुति से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. इसके पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ महेंद्र प्रसाद, आर्ट ऑफ लिविंग की वर्षा पांडेय तथा दीपक पांडेय उपस्थित थे..
कार्यक्रम पर प्रकाश डालते हुऐ आर्ट आफ लिंविंग की सिनियर ट्रेनर वर्षा पांडेय ने कहा कि संगीत वह परंपरा है जो इसमें डूबा उसे परमात्मा की अनुभूति हो जाती है. संगीत ध्यान है जो आपको विचार शून्यता की तरफ ले जाती है. ऐसे में सभी बक्सर वासी आज पावन गंगा के तट रामरेखा घाट पर आयोजित इस संगीत समारोह में उपस्थित होकर अपने जीवन के तनाव चिंता तथा परेशानियों से दूर हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि कला संस्कृति की परंपरा को और भी मजबूत करने के लिए यह बेहद आवश्यक भी है. कार्यक्रम का आयोजन रामरेखा घाट पर करने का कारण यह था कि सभी गंगा की धार और संगीत की धुन के अद्भुत मिलन का साक्षी बनें, जिससे कि उनका मन आनंद से भर जाए. उन्होंने कहा कि प्रत्येक दिन हर व्यक्ति को स्वयं के लिए कुछ समय अवश्य निकालना चाहिए.

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