चाणक्य आईएएस एकेडमी के संस्थापक सक्सेस गुरु A.K. मिश्रा द्वारा UPSC/BPSC की तैयारी के लिए पटना सेंटर में सेमिनार का आयोजन
सफलता के शीर्ष रिकॉर्ड के साथ देश की अग्रिम संस्था चाणक्य आईएएस एकेडमी के संस्थापक और निदेशक सक्सेस गुरु A.K. मिश्रा सर ने पटना में बोरिंग कैनाल रोड स्थित सेंटर, में सेमिनार का आयोजन कर वैसे अभ्यर्थियों की अनुशंसाओं को काफी कम किया है जो अभ्यर्थी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने के इच्छुक हैं। सेमिनार में संस्थान के संस्थापक और निदेशक A.K. मिश्रा सर एवं रीजनल हेड डॉ. कृष्णा सिंह ने अभ्यर्थियों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि सिविल सेवा परीक्षा को पास करने के लिए केवल कड़ी मेहनत की ही नहीं बल्कि स्मार्ट वर्क की भी आवश्यकता होती है। उम्मीदवारों को सफल होने के लिए दृढ़ संकल्प के साथ-साथ एक स्पष्ट रणनीति की भी आवश्यकता होती है। A.K. मिश्रा सर ने सिविल सेवा परीक्षा के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करते हुए अभ्यर्थियों को यह भी मार्गदर्शन दिया कि कैसे सही वैकल्पिक विषय का चयन किया जाए, कैसे प्रभावी ढंग से समय का प्रबंधन किया जाए और कैसे मजबूत लेखनशैली विकसित की जाए।
गौरतलब है कि सक्सेस गुरू A.K. मिश्रा सर के मार्गदर्शन में पूरे देश में चाणक्या आईएएस एकेडमी के सेन्टर आज खुल चुके हैं। जिसके अभी तक 16 राज्यों में 30 केन्द्र हैं। यदि सेलेक्सन की बात करें तो लगभग 5200 से अधिक यूपीएससी में सेलेक्सन, 15000 के करीब स्टेट सर्विस कमीशन से सेलेक्सन हैं और इन्हीं सेलेक्सन से सक्सेसफुल विद्यार्थियों के द्वारा A.K. मिश्रा सर को आदर पूर्वक सक्सेस गुरू के रूप में जाना जाने लगा और आज सक्सेस गुरू A.K. मिश्रा सर चाणक्या आईएएस एकेडमी के पूरे देश के सेन्टरों को लगातार अपने गाइडेन्स में आगे बढ़ा रहे हैं। चाणक्या आईएएस एकेडमी के स्वर्णिम उपलब्धियों की चर्चा करें तो चाणक्या आईएएस एकेडमी अपने सभी छात्रों को सर्वोत्तम मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करने एवं उन्हें सिविल सेवक बनने के अपने सपने को हासिल करने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है।
पटना केंद्र को 2013 में डॉ कृष्णा सिंह के नेतृत्व में लॉन्च किया गया था। पटना में नींव रखने के ठीक बाद, चाणक्य आईएएस अकादमी ने राज्य भर में सेमिनार आयोजित करना शुरू कर दिया और पिछले कुछ वर्षों में बिहार के परिणाम में काफी सुधार हुआ है। हाल ही में संपन्न 67वीं और 68वीं बीपीएससी परीक्षाओं में तकरीबन 400 और 66वीं परीक्षा मे 138 चयन एवं कुल 1400 से अधिक चयन, संस्थापक के व्यापक अनुभव और प्रगतिशील सोच का नतीजा है जो संस्थान की सफलता का प्रमुख कारण भी है।