इंडिया सिटी लाइव 11 फरवरी : बिहार में एक बार फिर से कोरोना की जांच रिपोर्ट के डेटा में गड़बड़ी के आरोप लगे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि यहां पर मरीजों के टेस्ट रिपोर्ट के डेटा में बड़े पैमाने पर फर्जी एंट्री की गई है. गड़बड़ियां सरकारी अस्पतालों की कोरोना जांच रिपोर्ट के डेटा में सामने आई है. अस्पतालों में दी गई कोरोना की टेस्ट रिपोर्ट में मरीजों के नाम, नंबर सब की फर्जी एंट्री कर रिपोर्ट दे दी गई. ये खुलासा यहां जमुई, शेखपुरा और पटना जिलों के सरकारी अस्पतालों में कोविड डेटा की करीब 600 एंट्री की जांच में हुआ है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बिहार के जमुई जिले के तीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों ने कोरोना के 588 लोगों का कोविड टेस्ट किया गया, जहां पर उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है. परीक्षण किए गए प्रत्येक मरीज का नाम, उसकी आयु और मोबाइल नंबर को एक चार्ट में नीचे रखा गया और पटना भेजा गया. लेकिन इस डेटा को साजिशन राज्य के अन्य जिलों के आंकड़ों के साथ एकत्र किया गया था.
मीडिया रिपोर्ट्स में जमुई, शेखपुरा और पटना में छह PHC में 16, 18 और 25 जनवरी को चार्ट में कोरोना टेस्ट के रिकॉर्ड की गई 588 एंट्री की जांच की गई. लेकिन बुनियादी डेटा प्रोटोकॉल के टारगेट को पूरा करने के लिए डेटा एंट्री में फर्जीबाड़ा किया गया. इसमें मोबाइल नंबर से लेकर फर्जी नाम और उम्र की एंट्री तक में गड़बड़ी की गई. कुछ मामलों में उपयोग में नहीं लाई गई टेस्टिंग किटों से मुनाफा कमाने के लिए ये सब किया गया.