दहेज में कार नहीं मिलने विवाहिता के ससुराल वालो ंने पीट-पीटकर की हत्या , जांच में जुटी पुलिस फोटो-

दहेज में कार नहीं मिलने विवाहिता के ससुराल वालो ंने पीट-पीटकर की हत्या , जांच में जुटी पुलिस
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हाजीपुर। दहेजह प्रथा रोकने के लिए सरकार ने कानून तो बना रखी है, लेकिन सरकार की उदासीनता के चलते जमीनी स्तर पर पालन नहीं किया जाता है। जिसको लेकर आज भी विवाहिता दहेज के लिए विवाहिता की बलि चढ़ दी जाती है। मंगलवार को एक बार फिर सराय थाना क्षेत्र के
शभूंपुरकुआरी गांव में दहेज में कार ना मिलने पर एक नव विवाहिता की ससुरा द्वारा पीट-पीटकर हत्या करने का मामला सामने आया है. मृतका विजया कुमारी उर्फ निधी कुमारी सराय थाना क्षेत्र के शंभूपुर कोआरी गांव निवासी रणवीर सिंह की पत्नी थी। इधर घटना की सूचना मिलते ही सराय थाने की पुलिस मौके पर पहुंच कर मामले की छानबीन कर शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा गया। इस संबंध में मृतका के पिता बबन सिंह ने सराय थाने में मृतका के सास, ससुर, गोतनी , भैसूर और देवर पर सराय थाने में नामदर्ज केस दर्ज कराया।
दहेज मे कार नहीं मिलने पर विवाहिता की पीट-पीटकर हत्या
दिये गये आवेन में मृतका के पिता ने बताया कि बीते 10 फरवरी को अपने बेटी विजया कुमारी उर्फ निधी कुमारी शादी हिंदू रिति रिवाज से सराय थाना क्षेत्र के शंभूपुर कोआरी गांव निवासी शवि कुमार सिंह के पुत्र रणवीर सिंह के साथ हुई थी। मृतका का पति इंजीनियर है जो पूना में पोस्टेड है, शादी के कुछ दिन के बाद से ही मृतका के सास, ससुर, गोतनी , भैसूर और देवर दहेज में कार की मांग करने लगे थे। जंहा मांग पूरी नहीं होने पर उसे प्रताड़ित भी किया जाता है। कई बाद विजया कुमारी ने इसकी शिकायत अपने घर पर भी की थी। बीते सोमवार की शाम मृतका के ससुराल से फोन आय की अपनी बेटी को आकर ले जाये और कुछ देर बाद फिर फोन आया की आपकी बेटी ने फांसी लगाकर आत्माहत्या कर ली है। सूचना मिलते ही मृतका के पिता व घर के अन्य सदस्य मृतका के ससुराल पहुंचे जहां उनकी बेटी का शव जमीन पर पड़ा था। शरीर पर कई जगह चोट के निशान थे।

दहेज निषेध के लिए निम्नलिखित धाराओं को लागू किया गया है़

1) धारा 406 – अगर कोई भी पुरुष अपनी पत्नी को दहेज के लिए प्रताड़ित करता है तो उसको और उसके परिवार वालों को इस धारा के अंतर्गत 3 साल की सजा हो सकती है या फिर जुर्माना देना पड़ सकता है या फिर दोनों ही सजा हो सकती है .

2) धारा 304 B – इस धारा के अन्दर उस तरह का केस आता है जिसमें किसी महिला की मौत अगर दहेज के कारण होती है या फिर उसको जलाने की कोशिश की जाती है तो उसके पति और घर वालों को उम्र कैद की सजा होती है. इस धारा के अन्दर कोई जुर्माना नहीं आता है इसमें सीधे सजा होती है.

3) धारा 498 A- इस धारा के अन्दर उस तरह का केस आता है जिसमें अगर कोई महिला दहेज की प्रताड़ना से तंग आकर जान देने की कोशिश करती है और अगर इसकी शिकायत वो पुलिस से कर देती है तो उसके पति और ससुरालवालों को उम्र भर की सजा हो सकती है.इसके अलावा भारत में दहेज निरोधक कानून भी है जिसके अनुसार दहेज देना और लेना दोनों ही गैरकानूनी घोषित किया गया है लेकिन व्यावहारिक रूप से इसका कोई लाभ नहीं मिल पाया.

दहेज प्रथा को रोकने के लिए महिलओं को जागरूक होना होगा

दहेज प्रथा महिलाओं के लिए एक अभिशाप है। दहेज प्रथा को रोनके लिए बनाए गए कानून का सख्ती से पालन करने की नितांत आवश्यकता है। इसको राकने के लिए स्वयं महिलाओं को जागरूक होने के साथ ही दूसरों को भी जागरूक करना जरूरी है।सरकार ने दहेज प्रथा को रोकने के लिए कानून तो बना दिया लेकिन उदासीनता के चलते जमीनी स्तर पर पालन नहीं किया जाता है। ऐसे में दहेज के लोभी कानून के शिकंजे से बचने में कामयाब हो जाते हैं। आजह के समय में दहेज प्रथा ने इतना विकराल रूप धारण कर लिया है इसको रोक पाना दूूभर हो रहा है। 1985 में दहेज निषेध नियमों को तैयार किया गया था. इन नियमों के अनुसार शादी के समय दिए गए उपहारों की एक हस्ताक्षरित सूची बनाकर रखा जाना चाहिए. इस सूची में प्रत्येक उपहार, उसका अनुमानित मूल्य, जिसने भी यह उपहार दिया है उसका नाम और संबंधित व्यक्ति से उसके रिश्ते का एक संक्षिप्त विवरण मौजूद होना चाहिए. इसके अलावा एक अहम कानून है घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम इस अधिनियम के अनुसार अगर घर में पुरुष के साथ रह रही महिला को पीटा जाता है, धमकी दी जाती है अथवा प्रताड़ित किया जाता है तो वह घरेलू हिंसा की शिकार है. ऐसी प्रताड़ित महिला घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम 2005 के अंतर्गत और सहायता प्राप्‍त कर सकती है. अगर समाज की हर महिला को इन कानूनों और प्रावधानों की समझ हो तो हो सकता है आने वाला भारत महिलाओं के लिए एक बेहतर स्थान बनकर उभरे जहां किसी भी नवविवाहिता को जलाया या मारा नहीं जाएगा.।

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