झारखंड में अनलॉक की प्रक्रिया 16 जून से शुरू होने जा रही है, पूरे झारखंड के लोगों की निगाहें वर्तमान सरकार पर टिकी है कि सरकार क्या निर्णय लेती है क्या कुछ शर्तों को रखते हुए सरकार मंदिर और मौल आदि खोलने का आदेश दे सकती है जिससे कि बाजार में आई आर्थिक मंदी से निजात मिल सके
यह तस्वीर है बाबा बैजनाथ मंदिर देवघर की है भारत के इतिहास में इस प्रकार की तस्वीर दूसरी बार देखने को मिल रही है पूरा मंदिर प्रांगण खाली पड़ा है बंद पड़ी यह तस्वीर सन्नाटे को दस्तक दे रही है, मंदिर प्रांगण में रखा ये टूलबॉक्स दुकानदारों का हुआ करता था इनपर बैठकर ये दुकानदार दुकानदारी करते थे इनकी रोजी-रोटी चलती था लेकिन अब यह बिल्कुल ठप पड़ी है जिससे दुकानदार के पास आर्थिक मंदी छा गई है । जिससे घर चलाना मुश्किल हो रहा है मंदिर के पास लगे दुकानदार बताते हैं मेरी आर्थिक स्थिति बदहाल हो चुकी है अब और लॉकडाउन लगा तो जीना मुश्किल हो जाएगा दुकान का सालाना भाड़ा ₹100000 भाड़ा देते हैं दुकानदार ।
देवघर के पेड़ा दुकानदार भी चाह रहे हैं लॉक डाउन में छूट सरकार को देनी चाहिए क्योंकि बाबा धाम में मंदिर ही एक ऐसा साधन है जिससे आर्थिक स्थिति यहां के दुकानदार सहित अन्य लोगों का चल पाता हैं उनकी माने तो सरकार को श्रावणी मेला इस बार जरूर करवाना चाहिए लेकिन कुछ नियमों को ध्यान में रखते हुए मसलन जिन्होंने कोरोना की सुई नहीं लिया है वैसे व्यक्ति को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं दिया जाए और चेक नाका पर ही सारी प्रक्रिया पूरी कर ली जाए उसके बाद ही झारखंड में प्रवेश करने की अनुमति दी जाए
देवघर के पेड़ा दुकानदार भी चाह रहे हैं लॉक डाउन में छूट सरकार को देनी चाहिए क्योंकि बाबा धाम में मंदिर ही एक ऐसा साधन है जिससे आर्थिक स्थिति यहां के दुकानदार सहित अन्य लोगों का चल पाता हैं उनकी माने तो सरकार को श्रावणी मेला इस बार जरूर करवाना चाहिए लेकिन कुछ नियमों को ध्यान में रखते हुए मसलन जिन्होंने कोरोना की सुई नहीं लिया है वैसे व्यक्ति को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं दिया जाए और चेक नाका पर ही सारी प्रक्रिया पूरी कर ली जाए उसके बाद ही झारखंड में प्रवेश करने की अनुमति दी जाए
Report KD, Deoghar