फिर दिखी गंगा में लाशें.. सहमें लोग..प्रशासन तलाशें..

फिर दिखी गंगा में लाशें..

सहमें लोग..प्रशासन तलाशें..

रात भर अनुमंडल प्रशासन ने चलाया अभियान..

2021 में मिली थी सैकडों लाशें..

गंगा में विसर्जित कर दिये जाते है शव..

जागरूकता की कमी है सबसे बड़ी वजह..

बक्सर से कपीन्द्र किशोर की रिपोर्ट..
6/5/2023

 

यूं तो बक्सर में गंगा हमेशा ही चर्चा में रहती है क्योंकि गंगा तट पर बसे इस नगर का पूरा आस्तित्व ही गंगा पर टिका हुआ है.. आध्यात्मिक रूप से बक्सर के धार्मिक मान्यताओं को प्रगाढ़ करती गंगा हमेशा ही अपने योगदान के लिए जानी जाती है …आए दिन गंगा में स्वच्छता को लेकर अलख जगाने के लिए रैलियां और जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं.. कई मंत्रालय एवं विभागों द्वारा लगातार गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए कार्य किए जा रहे हैं …लेकिन इसके विपरीत आए दिन बक्सर में गंगा नदी में मिलती लाशों के चलते एक बार गंगा ट्रिब्यूनल और स्वच्छ गंगा मिशन के साथ नमामि गंगे की चल रही परियोजनाओं पर भी प्रश्नचिन्ह खड़े हो जाते हैं.. पिछले ही वर्ष कोरोना के समय बक्सर में सैकड़ों लाश मिलने के बाद एक बार बक्सर की गंगा सुर्खियों में आ गई थी ..और प्रशासनिक अमले एवं मीडिया में भी खलबली देखी गई थी कई दिनों तक प्रशासन ने इसकी जांच कराई ..लाशों को किनारे निकाल कर उन्हें पोस्टमार्टम कराया ..
लेकिन एक बार फिर गंगा नदी में लाशों को देखकर लोग सहम गए हैं बक्सर जिला मुख्यालय के गंगा नदी में इन दिनों तैरती लाशों का देखा जाना है आम हो गया है लेकिन सवाल यह उठता है कि इतनी जागरुकता और कार्यक्रमों के बाद भी आखिर गंगा में लाते कहां से आ रही है स्थानीय रामरेखा घाट पर ही इन दिनों तीन 4 लाशों को देखकर एक तरफ लोग सहम से गए वहीं गंगा के दूषित होने की भी कहानी सामने आने लगी.. क्या इतने खर्च के बाद भी लोगों के बीच अभी जागरूकता नहीं फैली है या लोगों के गलत व्यवहार के कारण आज गंगा खुद ही अपने अस्तित्व के लिए लड़ती दिख रही है..

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