बिहार के मुख्यमंत्री सह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार शनिवार को पार्टी की नई राज्य कार्यकारिणी को पहली बार बैठक हो रही है। बैठक में मुख्य रूप से मिशन 2025 की तैयारी और इसकी रणनीति पर जदयू नेताओं-कार्यकर्ताओं को दिशा-निर्देश दिया गया। जदयू प्रदेश कार्यालय में शनिवार को सुबह 11.30 बजे से राज्य कार्यकारिणी की बैठक शुरू हुई। इसमें सभी मंत्री, सांसद, विधायक समेत करीब 400 नेता और पार्टी पदाधिकारी भाग लिए। इस मीटिंग में ललन सिंह नजर नहीं आ रहे हैं।
आज राज्य कार्यकारणी की बैठक में छह अहम फैसले लिए गए हैं। जिसमें एनडीए के सहयोगी दलों के साथ तालमेल बिठाने को लेकर एक कार्यक्रम चलाए जाने की बात कही गई है। इसके अलावा जदयू सम्मान संवाद कार्यक्रम करेगी, जिसमें वरिष्ठ नेता कार्यकर्ताओं से बात करेंगे। वैसे लोगों से मुलाकात किया जाएगा और कहा जाएगा कि आप सक्रिय रूप से साथ आइए।
जदयू के मिशन 2025 और 4 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के मद्देनजर इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है। हालांकि प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने बताया कि बैठक का एजेंडा 2025 का विधानसभा चुनाव ही है। जैसा हमारे नेता नीतीश कुमार निर्देश देंगे। उस हिसाब से कार्यकर्ता जमीन पर आगे की तैयारी में जुट जाएंगे।
पहले 16 सितंबर को पार्टी प्रदेश कमेटी और जिलाध्यक्षों की बैठक प्रदेश कार्यालय में हुई थी। इसमें सभी नेताओं ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में वर्ष 2005 और 2010 से भी बेहतर सफलता 2025 विधानसभा चुनाव में प्राप्त करने का संकल्प लिया था। शनिवार की बैठक में जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय कुमार झा, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा समेत तमाम मंत्री, पार्टी सांसद-पूर्व सांसद, विधायक-पूर्व विधायक, राज्यकारिणी सदस्य और जिलाध्यक्ष भाग लिए।
प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में जो 6 फैसले लिए गए हैं उसमें NDA के सहयोगी दलों के नेताओं के साथ समन्वय बनाने के लिए संगत-पंगत कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इसमें प्रखंड स्तर तक के NDA के नेता नियमित तौर पर मिलेंगे। आपस में चाय और नाश्ते पर चर्चा करेंगे। इसमें वे विपक्षी दलों की तरफ से फैलाए जा रहे भ्रम को दूर करेंगे। इसके अलावा सम्मान संवाद कार्यक्रम का शुरुआत करेंगे।
इसमें समता पार्टी के दौरान जुड़े रहे वरिष्ठ कार्यकर्ताओं से पार्टी के नेता संवाद करेंगे। लोकसभा चुनाव में NDA की जीत के लिए सीएम नीतीश कुमार को बधाई दी गई। जिनके नाम और काम पर चुनाव लड़ा और जीता गया। नीतीश कुमार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाना और इस पर चर्चा करने का निर्णय लिया गया। जातीय गणना कराने और इसके आधार पर आरक्षण लागू करने को लेकर फिर उच्चतम न्यायलय में पाचिका दायर करने के लिए सीएम नीतीश कुमार को धन्यवाद दिया गया। विधानसभा चुनाव में फिर से नीतीश कुमार के नेतृत्व के साथ पार्टी जाएगी।