कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और जमशेदपुर के पूर्व सांसद, आईपीएस डॉ अजय कुमार ने झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर झारखंड में पुलिस द्वारा भारतीय दंड संहिता की धारा 353 का संवैधानिक उपयोग के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने का अनुरोध किया है.
पत्र में डॉ अजय ने लिखा है कि उक्त धारा का आजकल पुलिस द्वारा जनता की जायज मांगों को दबाने के लिए दुरुपयोग किया जा रहा है और भारतीय दंड संहिता की धारा 353 के तहत गिरफ्तार किया जा रहा है। हमने हाल ही में एक उदाहरण देखा जहां कुछ ग्रामीण जमशेदपुर के पास के गांव में मृतक के परिवार के लिए मुआवजे के लिए सड़क पर विरोध कर रहे थे और स्थानीय पुलिस ने उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की उक्त धारा के तहत मामला दर्ज किया।
डॉ अजय ने आगे कहा धारा 353 के तहत गिरफ्तारी या प्राथमिकी दर्ज करने से पहले, यह समझने के लिए कि क्या विरोध वैध है और क्या सौहार्दपूर्ण तरीके से हल किया जा सकता है, डीएसपी या उससे ऊपर के रैंक के अधिकारी द्वारा उचित जांच होनी चाहिए ताकि पुलिस ऐसे लोगों के खिलाफ मामला दर्ज न कर सके जिनके पास इस तरह के विरोध का वैध कारण है।
डॉ अजय ने भी कहा कि रघुवर दास शासन के दौरान झारखंड के लोगों की आवाज दबाने के लिए पुलिस द्वारा इस तरह की धारा का अक्सर दुरुपयोग किया जाता था।