इंडिया सिटी लाइव 30 जनवरी : महागठबंधन द्वारा राजद की अगुवाई में शनिवार को बिहार में मानव श्रृंखला का आयोजन किया गया. इस मानव श्रृंखला को लेकर सदाकत आश्रम के पास कांग्रेस और राजद के नेता से लेकर कार्यकर्ता तक मौजूद थे लेकिन विडंबना की बात तो यह है कि मानव श्रृंखला में भाग लेने वाले कई लोगों को यह पता भी नहीं था कि वह इस कार्यक्रम में क्यों शरीक हो रहे हैं. कोई पंचायत भवन के लिए खड़ा था तो कोई पुलिस से परेशान होकर तो कोई तेजस्वी की सरकार बनाने के लिए. महागठबन्धन के नेताओ द्वारा बाहर से लाकर जुटाए गए कार्यकर्ताओ का किसान बिल पर ज्ञान चौंकाने वाला था.
गले में अपनी मांगों को लिखकर लगाए गए तख्तियों के बारे में भी उनको जानकारी नहीं थी. कार्यकर्ताओं का कहना था कि नेताजी ने बुलाकर भेजा है इसलिए पहुंचे हैं. गले में MSP की मांग की तख्ती लगाए कार्यकताओं का कहना था कि इसमें क्या लिखा है हमें मालूम नहीं. नेताजी ने टांग दिया था इसलिए चले आए. मानव श्रृंखला में आए लोगों में से किसी को घर चाहिए था तो किसी को सरकार से मकान. किसी को जमीन चाहिए था तो किसी और कुछ और. पटना के बुद्ध स्मृति पार्क के पास तेजस्वी यादव महागठबंधन नेताओं साथ मानव श्रृंखला बनाने वाले थे, लिहाजा उनकी पार्टी के नेताओं ने बड़ी संख्या में पटना के आसपास के लोगों को यहां बुलाया था.
जिस जगह तेजस्वी यादव खड़े थे वहीं पर इस मानव श्रृंखला में आए लोगों से जब हमने पूछा कि वो यहां क्यों खड़े हैं तो उनका बस यही कहना था, कि उनके नेता ने यह कहा था कि यहां आना है इसलिए वहां आकर खड़े हैं. उन्हें ना तो किसानों की समस्या के बारे में जानकारी थी और ना यही पता था कि यहां पर उन्हें क्यों बुलाया गया है. मानव श्रृंखला क्या होता है और यहां पर मानव श्रृंखला क्यों बनाया जा रहा है इसकी तनिक भी जानकारी इन लोगों को नहीं थी.