मुजफ्फरपुर में मोतियाबिंद का इलाज कराने के दौरान कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए बिहार सरकार ने सभी मरीजों का मुफ्त में इलाज कराने का निर्णय लिया था। सभी मरीजों को पटना के आईजीआईएमएस में इलाज के लिए भर्ती किया गया। डॉक्टरों की एक टीम ने स्पेशल वार्ड में मरीजों का इलाज किया। इलाज के दौरान कुछ मरीजों में जल्द सुधार हुआ, जिन्हें इलाज के बाद घर वापस भेज दिया गया। वही दो मरीज ऐसे भी थे, जिनमें कॉर्नियल ट्रांसप्लांट करना था। आईजीआईएमएस के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉक्टर मनीष मंडल की माने, तो जिन दो मरीजों का क्रॉनिया ट्रांसप्लांट करना था। उनकी किस्मत काफी अच्छी थी। क्योंकि उसी दौरान 2 लोगो ने क्रोनिया डोनेट किया था। साथ ही मनीष मंडल ने बताया कि अभी भी कई मरीज ऐसे हैं, जिनका इलाज अभी भी किया जा रहा है। इनमें इंफेक्शन ज्यादा है। इसलिए इनके ठीक होने में समय लगेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की एक विशेष टीम ने, अलग वार्ड में इनका इलाज किया है। कोशिश यही रही है कि सभी की आंखों की रोशनी वापस आ जाए।