नगर परिषद के खिलाफ लोगों का फूटा गुस्सा…

नगर परिषद के खिलाफ लोगों का फूटा गुस्सा…

सड़क में गड्ढा खोद गायब हो गये ठीकेदार..

स्थानीय पार्षद पता ही नहीं किस लिऐ हुई खुदाई..

लोगों ने “सरकारी स्वीमिंग पुल” का बोर्ड लगा कर दिखाया विरोध

नगर परिषद कार्यालय के ठीक पीछे सामने आयी घोर अनियमितता..

बक्सर से कपीन्द्र किशोर की रिपोर्ट..

22/1/2022

दिया तले अंधेरा वाली कहावत तो सुनी होगी आपने बक्सर नगर परिषद का भी कुछ ऐसा ही हाल है ..आज जब स्थानीय निवासी आक्रोशित होकर नारेबाजी पर उतरे तब लोगों का ध्यान एक ऐसे मुद्दे पर गया जो कि सच में नगर परिषद के कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है …बक्सर नगर परिषद कार्यालय के ठीक पीछे वार्ड नंबर 28 में एक गली को पूरी तरह से गड्ढा नुमा बनाकर गायब हुए ठीकेदार और इंजीनियरों के खिलाफ आज स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और लोगों ने जमकर नगरपालिका के खिलाफ नारेबाजी की सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस विरोध में स्थानीय वार्ड पार्षद के साथ नगर परिषद के वह वार्ड पार्षद भी थे जो नगर परिषद के लिए ही काम करते है..स्थानीय वार्ड पार्षद ने बताया कि उन्हें जानकारी ही नहीं है कि यह गड्ढा किस मद से खोदा गया है और किस लिए खोदा गया है ..तो सवाल उठने जायज है कि आखिर गड्ढा खोदा कैसे गया..और किसने खोदा ….वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि आज 25दिन हो गए और गड्ढा खोदकर काम करने वाले लोग गायब हो गए हैं ..ना उसका निर्माण पूरा किया गया है और ना आगे निर्माण होने की कोई आस दिख रही है …जिससे आने जाने में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है वहीं स्थानीय लोगों द्वारा गली के मुहाने पर सरकारी इंजीनियर द्वारा बनाया गया स्विमिंग पूल जैसा व्यंग का बोर्ड भी लगा दिया गया है जिसे देख कर सरकारी कार्यशैली पर हंसी तो आ ही रही है ..लेकिन यह हंसने वाली बात नहीं है जहां नगर परिषद का बोर्ड भंग होने के बाद नगर परिषद की सारी जिम्मेदारी सीधे-सीधे जिलाधिकारी के हाथों में चली गई है और उसके बाद भी अगर ऐसी लापरवाही नगर परिषद द्वारा होती है तो कहीं ना कहीं इसके जिम्मेदार सीधे-सीधे जिले के वरिय अधिकारी ही होंगें..

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