इंडिया सिटी लाइव 9 फरवरी : मंगलवार को 17 नये चेहरे नीतीश मंत्रिमंडल का हिस्सा बने. नवंबर में नीतीश कुमार समेत 15 मंत्रियों ने शपथ ली थी, लेकिन मेवालाल चौधरी के इस्तीफे के बाद ये संख्या 14 रह गई थी. नीतीश मंत्रिमंडल में अब 31 सदस्य हैं.करीब महीने भर चली रस्साकशी के बाद जब मंगलवार की सुबह फाइनल लिस्ट जारी हुई तो कई चेहरे लटक गए. इस दौरान पटना से लेकर दिल्ली तक बैठकों और चर्चाओं का दौर चला. कई नाम उछले और कई लिस्ट में जगह बना पाने से चूक गए. अंतिम समय तक मंत्री बनने की आस लगाए बैठे कई दिग्गजों को निराशा हाथ लगी है. ज्यादतर नेताओं ने चुप्पी साध ली है लेकिन कुछ खुलकर अपनी नाराजगी जता रहे हैं और पार्टी आलाकमान पर अपनी भड़ास भी निकाल रहे हैं.
मंत्रिमंडल में जगह नहीं बना सके नेताओं में सबसे बड़ा नाम जेडीयू के नीरज कुमार और महेश्वर हजारी का है जिन्हें इस बार मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली. बीजेपी से संजय सरावगी और नीतीश मिश्रा का नाम भी काफी जोर-शोर से चल रहा था. पटना के दीघा से विधायक संजीव चौरसिया का मंत्री बनने का मंसूबा इस मंत्रिमंडल विस्तार में भी पूरा नहीं हो पाया. गोपालगंज से विधायक राम प्रवेश राय मंत्री बनकर नई पारी खेलने जा रहे थे लेकिन कप्तान की लिस्ट में वो जगह नहीं बना पाए. रामनगर से बीजेपी विधायक भागीरथी देवी भी उन निराश दिग्गजों की लिस्ट में शामिल हो गई हैं, जिनके नाम की काफी चर्चा थी.
इसी तरह बांका से विधायक रामनारायण मंडल को भी पार्टी से इनाम मिलने की उम्मीद थी जो पूरी नहीं हुई. बाढ़ से विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू के नाम की भी चर्चा थी लेकिन नितिन नवीन के मंत्री बनते ही उनकी उम्मीद भी खत्म हो गई. कुछ और भी नाम हैं, जिनकी काफी चर्चा थी. ऐसे नेताओं में मधुबनी के हरलाखी से विधायक सुधांशु शेखर, परबत्ता से विधायक संजीव सिंह, पूर्वी चंपारण से विधायक शालिनी मिश्रा, रुपौली से विधायक बीमा भारती, जमुई के झाझा से विधायक दामोदर रावत, वाल्मिकीनगर से धीरेंद्र कुमार सिंह उर्फ रिंकू सिंह और जेडीयू की एमएलसी कुमुद वर्मा का नाम शामिल है.