इंडिया सिटी लाइव 9 फरवरी : करीब महीने भर चली रस्साकशी के बाद जब मंगलवार की सुबह फाइनल लिस्ट जारी हुई 17 नये चेहरे नीतीश मंत्रिमंडल का हिस्सा बने. नवंबर में नीतीश कुमार समेत 15 मंत्रियों ने शपथ ली थी, लेकिन मेवालाल चौधरी के इस्तीफे के बाद ये संख्या 14 रह गई थी. नीतीश मंत्रिमंडल में अब 31 सदस्य हैं.
बिहार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में युवाओं की बल्ले-बल्ले है. बीजेपी ने ज्यादातर युवाओं को मंत्री बनाकर ये साफ कर दिया है कि पार्टी नई पीढ़ी के नेताओं को आगे करना चाहती है. लंबे समय तक प्रदेश भाजयुमो की कमान संभाल चुके नितिन नवीन को जहां मंत्रिमंडल में जगह दी गई है, तो वहीं एमएलसी सम्राट चौधरी को भी मंत्री बनाया गया है. सहरसा से युवा विधायक आलोक रंजन झा को नीतीश मंत्रिमंडल में जगह मिली है तो वहीं गोपालगंज से जनक राम मंत्रिमंडल में नया चेहरा होंगे. जनक राम पार्टी का दलित चेहरा हैं और युवाओं में काफी लोकप्रिय हैं. जनकर राम अभी किसी सदन के सदस्य नहीं हैं लेकिन पार्टी ने उनपर भरोसा जताया है. बीजेपी पहले ही अपने वरिष्ठ नेताओं को मार्गदर्शक मंडल में भेज चुकी है. नंदर किशोर यादव और प्रेम कुमार जैसे दिग्गज नेताओं को पार्टी ने मंत्री नहीं बनाया था. मंत्रिमंडल विस्तार में भी वरिष्ठ नेताओं को मायूसी ही हाथ लगी है.
बीजेपी विधायक ज्ञानू ने पार्टी और वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. लिस्ट जारी होते ही बिहार के बाढ़ से विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने आरोप लगाया कि कुछ नेताओं ने बीजेपी को पॉकेट पार्टी बना दिया है. उन्होंने किसी का नाम तो नहीं लिया लेकिन उनका इशारा भूपेंद्र यादव और नित्यानंद राय की तरफ था. ज्ञानेद्र सिंह ज्ञानू ने कहा कि बीजेपी अब यादव और बनियों की पार्टी बनकर रह गई है. ज्ञानू यहीं नहीं रुके, उन्होंने पार्टी को याद दिलाया कि राजपूत मतदाताओं ने एकजुट होकर बीजेपी के लिए वोट किया था लेकिन पार्टी ने ठाकुर जाति के लोगों की अनदेखी की है. ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने इसे सवर्ण विरोधी मंत्रिमंडल करार दिया है. उन्होंने दोनों उपमुख्यंत्रियों की योग्यता पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि ऐसे लोगों को डिप्टी सीएम की कुर्सी दी गई है जिन्हें कोई नहीं जानता. ज्ञानू ने आरोप लगाया कि पार्टी में एक लॉबी चल रही है और हमलोग चुप बैठने वाले नहीं हैं.