नियमित टीकाकरण के सुदृढ़ीकरण एवं टीकाकरण आच्छादन में बढ़ोतरी के लिए प्रशिक्षित होंगे जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी
• 26 एवं 27 मई को दो दिवसीय आवासीय कार्यशाला का होगा आयोजन
• अपर निदेशक-सह-राज्य प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने पत्र जारी कर दिए निर्देश
• नियमित टीकाकरण अभियान को मिलेगी गति
आरा/ 24 मई- राज्य सरकार नियमित टीकाकरण के गुणवत्ता की और भी सुदृढ़ीकरण एवं इसके आच्छादन के लिए कृतसंकल्प है. इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए आगामी 26 और 27 मई को जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी का कायॅशाला के माध्यम से उन्मुखीकरण किया जाएगा. साथ ही नियमित टीकाकरण अभियान की समीक्षा भी की जाएगी. इस संबंध में अपर निदेशक-सह-राज्य प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. नरेंद्र कुमार सिन्हा ने सभी सिविल सर्जन को पत्र जारी कर अपने अपने जिलों के जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी को दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यशाला में भाग लेने के लिए एक दिन पहले पटना भेजना सुनिश्चित करें. कार्यशाला पटना स्थित होटल चाणक्या में निर्धारित की गयी है.
नियमित टीकाकरण अभियान को मिलेगी गति:
कार्यशाला में सभी प्रतिरक्षण पदाधिकारियों को नियमित टीकाकरण के सूक्ष्म कार्ययोजना के बारे में बताया जाएगा. टीकाकरण के आच्छादन में बढ़ोतरी, नियमित टीकाकरण के बाद होने वाली संभावित परेशानियों का मूल्यांकन एवं प्रबंधन के बारे में इस कार्यशाला में बातें की जाएगी. साथ-साथ टीका के रियल टाइम स्टाक, स्टोरेज तापमान, टीका की जरूरत एवं आपातकालीन प्रबंधन के बारे में भी कायॅक्रम में उपस्थित भागीदारों को अवगत कराया जाएगा. इसके अलवा किसी भी जटिल केस पर नजर रखना एवं ईविन पोर्टल के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी.
नियमित टीकाकरण कार्यक्रम है स्वस्थ जीवन की धुरी:
गर्भवती महिलाओं एवं नवजात तथा छोटे बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास में नियमित टीकाकरण अहम् भूमिका निभाता है. गर्भस्थ शिशु एवं उसकी माता से इसकी शुरुआत होती है. नियमित टीकाकरण विभिन्न बीमारी के संक्रमण के बाद या बीमारी के खिलाफ बच्चों की रक्षा करता है. साथ ही, शरीर की रोग प्रतिरक्षा प्रणाली को भी सुदृढ़ करता है. नियमित टीकाकरण से बच्चों को चेचक, हेपेटाइटिस जैसी अन्य बीमारियों से बचाया जा सकता है. बीसीजी, हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी, डीटीपी, रोटा वायरस वैक्सीन, इन्फ्लूएंजा व न्यूमोनिया के लिए टीकाकरण किये जाते हैं. बच्चों के लिए नियमित टीकाकरण बहुत जरूरी है. यह शरीर में बीमारियों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता पैदा करता है. साथ ही एंटीबॉडी बनाकर शरीर को सुरक्षित भी रखता है.