बाढ़/ अजय कुमार मिश्रा की रिपोर्ट
प्राइमरी स्कूल की सरकारी किताब लो, 10 रुपए नजराना दो
बाढ। सरकारी स्कूलों में मुफ्त वितरित किए जाने वाली पाठ्य पुस्तकों पर शिक्षकों ने अपना निजी वितरण टैक्स लगा दिया है ।अवैध वसूली के कारण विवाद के घेरे में आए अथमलगोला प्रखंड के रामनगर दियारा अनुसूचित जाति टोला के प्राथमिक विद्यालय में टैक्स की वसूली करने को लेकर छात्रों को टॉर्चर करने का भी आरोप लगाया जा रहा है। टैक्स का भुगतान नहीं करने वाले बच्चों को किताबें नहीं दी जा रही है । इस गोरख धंधे के कारण पाठ्य पुस्तकों के वितरण की व्यवस्था गड़बड़ हो गई है। केके पाठक के प्रशासनिक डंडे से अनजान इस सरकारी विद्यालय की व्यवस्था अवैध वसूली के कारण बदनाम हो गई है। छात्रों और अभिभावक शिक्षकों के रवैये से आक्रोशित हैं ।इस विद्यालय में 190 नामांकित बच्चे हैं। लेकिन पूरी उपस्थिति कभी नहीं नजर आती। बहरहाल वसूली रोकने को लेकर अधिकारी भी मौन व्रत धारण किए हुए हैं। हालांकि विद्यालय की प्रधान शिक्षिका ने कहा कि छात्र और ग्रामीण गलत- सलत आरोप लगा रहे हैं ।वसूली नहीं हो रही है। अथमलगोला के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि उन्हें केके पाठक ने बहुत काम दिया है ।इन सब फालतू बातों के लिए उनके पास वक्त नहीं है।