इंडिया सिटी लाइव 11 फरवरी : इस बार आयोजकों को सरस्वती पूजा) का आयोजन काफी कड़े नियमों के साथ करने होंगे. पूजा के दौरान किसी भी तरह की समस्या खड़ी ना हो इसके लिए पटना जिला प्रशासन ने विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसमें मूर्ति स्थापना विसर्जन से लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रमों तक के लिए अलग-अलग नियम बनाए गए हैं. सबसे अहम नियम मूर्ति विसर्जन को लेकर है जिसके लिए जिला प्रशासन द्वारा 17 फरवरी की तिथि निर्धारित की गई है.
दरअसल बिहार सहित राजधानी पटना में भी बड़े पैमाने पर सरस्वती पूजा का आयोजन किया जाता है, ऐसे में पटना के डीएम डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में पूजा से पहले एक महत्वपूर्ण बैठक की गई. इस दौरान बैठक में सरस्वती पूजा के लिए गाइडलाइन जारी की गई जिसमें कोविड-19 के नियमों के साथ-साथ लॉ एंड आर्डर के नियमों को भी शामिल किया गया है. जिला प्रशासन द्वारा जारी किए गए गाइडलाइन के मुताबिक विश्वविद्यालय और कॉलेज प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए किसी भी हालत में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाएगा.
पूजा के लिए सभी पूजा समितियों से लाइसेंस लेने की अनिवार्यता की बात दोहराई गई है साथ ही दिन के उजाले में ही मूर्ति विसर्जन किए जाने का आदेश जारी किया गया है. जुलूस के दौरान सरकार द्वारा जारी किए गए गाइडलाइन का हर हाल में अनुपालन किए जाने की भी बात दोहराई गई है साथ ही जुलूस के दौरान डीजे बजाने और अस्त्र शस्त्र का प्रदर्शन करने पर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई किए जाने की भी बात कही गई है.
सामूहिक पूजा स्थलों पर सैनिटाइजर, मास्क के अलावा सोशल डिस्टेंसिंग की भी ध्यान रखने का निर्देश जारी किया गया है. पटना के डीएम ने पूजा से पहले सभी क्षेत्रों के एसडीओ, डीएसपी और थाना प्रभारियों को अपने-अपने इलाकों में शांति समिति की बैठक का निर्देश दिया है. जिला प्रशासन के मुताबिक सरस्वती पूजा के दौरान कहीं भी ऐसे कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति नहीं दी जाएगी जिसमें भीड़ भाड़ हो, साथ ही नगर निगम मूर्ति विसर्जन के लिए कृत्रिम तालाब बनाएगा.
सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन से पहले आयोजकों को अनुमति लेने का निर्देश दिया गया है साथ ही असामाजिक तत्वों पर भी पुलिस की विशेष नजर रहेगी. पूजा के बाद विसर्जन के लिए 17 फरवरी की तारीख निर्धारित की गई है इस दौरान पुलिस की भी चौकसी रहेगी. मूर्ति विसर्जन को लेकर इस बार पटना के गंगा नदी में भी पूरी तरह से रोक रहेगी.