इंडिया सिटी लाइव (पटना)25 MARCH : सतीश कुमार पूर्व विधायक लव-कुश, अति पिछड़ा मंच के संयोजक ने बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधायक 2021 के संदर्भ में एक बयान जारी कर कहा कि बिहार के अंदर जो कुछ हो रहा है वह दिल्ली के केंद्रीय सरकार के तर्ज पर ही हो रहा है।
बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 पर बहस हो सकती है लेकिन विधानसभा के अंदर और विधानसभा के परिसर में चुने हुए प्रतिनिधियों के साथ जो सलूक पुलिस के द्वारा किया गया। यह बेहद शर्मनाक नहीं बल्कि जघन्य एवं जनतांत्रिक मूल्यों का दफन करने की ओर बढ़ता एक दुखद और राज्य कर लिए चिंतनीय कदम है।
लोकशाही की हत्या की जा रही है। बिहार में रक्षा और कानून व्यवस्था के नाम पर पुलिस को निरंकुश बनाने का कानून अभी पास भी नहीं हुआ है और जनतंत्र के किस हत्यारे के इशारे पर जनतंत्र की हत्या की गई, शर्म करो।
जनतंत्र में सत्ता से कम महत्वपूर्ण विरोध पक्ष की भूमिका नहीं होती है। विरोधी को विरोध करने का संवैधानिक अधिकार प्राप्त है लेकिन लाठी और बूट से जिस तरह से पत्रकारों और चुने हुए जनप्रतिनिधियों को सम्मानित किया गया! सत्ताधारी दल को याद रखना चाहिए, अब बहुत हो गया, जनता सब देख रही है। पहले भी देखा है एक से एक बढ़कर वीर वांकुरे आए और सब के सब चले गए। सत्ता में मदहोश मत होवे, सत्ता की चाबी आखिरकार जनता के हाथ में ही होती है।
जिस तरह से बिहार की सरकार जनतंत्र की हत्या कर रही है। जनता आएगी और जनतंत्र के विरोधियों को ठिकाने लगायेगी।
हमला करना है तो बेकरी पर हमला करो, नारी उत्पीड़न पर हमला करो, जन समस्या पर हमला करो, आसमान छूती जनता की कमर तोड़ दी महंगाई पर हमला करो।
अहम और संवेदन शून्यता ही सरकार के पतन का कारण बनेगी।
अब पतन अवश्यंभावी है…अवश्यंभावी। विकास और विनाश दिखता है दिखाया नहीं जाता है, बोलता है सुनाया नहीं जाता है।