कैलाश से आई हल्दी…शिव का हुआ ऋंगार..
शिव पार्वती विवाह के लिऐ शुरू हुआ पारंपरिक अनुष्ठान..
रामेश्वरनाथ मंदीर में भगवान को लगने शुरू हुई हल्दी..
गौरीशौकर मंदीर पंहुचती है बारात..जहाँ रात भर चलता है शिव विवाह कार्यक्रम..
बक्सर से कपीन्द्र किशोर की रिपोर्ट..
26/2/2022
जिला मुख्यालय बक्सर का अपना एक आध्यात्मिक महत्व है यहां की भूमि देवों की भूमि कही जाती है और सनातनी परंपरा के अनुसार यहां कई तरह के कार्यक्रम आयोजित होते हैं जो यहां की धार्मिक परिपाटी को और भी मजबूत और सुविख्यात करते हैं बक्सर में होने वाले कई तरह के आयोजन आज विश्व विख्यात हैं…. और धार्मिक रूप से उन्हें मान्यता प्राप्त है सीताराम विवाह महोत्सव हो या महर्षि खाकी बाबा का उत्सव ..जीयर स्वामी जी महाराज द्वारा कराए जा रहे हैं बड़े यज्ञ हो या नाथ बाबा की प्रसिद्धी.. कहीं ना कहीं बक्सर में धार्मिक प्रतिष्ठा आज भी पूरे देश में परचम लहराते दिखती है ..फाल्गुन मास के शुरू होते ही बक्सर में एक बार फिर से धार्मिक अनुष्ठानों का दौर शुरू हो गया है शास्त्रों के जानकार बताते हैं कि फाल्गुन मास शुभ माना ही जाता है और इसी माह में भगवान शिव का विवाह पार्वती के साथ हुआ था ..जिसके लिए बक्सर में भी पारंपरिक आयोजनों की तैयारी शुरू कर दी गई है आयोजन के अंतर्गत आज भगवान शिव को ससुराल से आई हल्दी भक्तों द्वारा लगाई गई और उनका श्रृंगार किया गया आपको बता दें कि फाल्गुन मास के शिवरात्रि को बक्सर में बहुत बड़ा शिव बारात निकलती है जो कि शहर के एक कोने से दूसरे कोने पहुंचती है और लोग पूरे विवाह का निर्वहन पारंपरिक रूप से निभाते हैं जिसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं और भगवान शिव को हल्दी लगने के साथ उनके शादी की तैयारी भी शुरू कर दी है ऐसे में बक्सर एक बार फिर भक्तिमय माहौल की तरफ बढ़ने लगा है और अपनी प्रतिष्ठा को पाने के लिए एक बार फिर आगे और तत्पर दिख रहा है..