INDIA CITY LIVE DESK -आरा शहर में लॉकडाउन के दौरान कोरोना से बचने को जागरूकता के लिहाज से गीत गाकर चर्चा में आये दारोगा दिलीप कुमार निराला घूस लेने में फंस गये हैं। आपको बता दे की इस मामले में दारोगा पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है। एसपी ने दारोगा को निलंबित कर दिया है। उनके आदेश पर विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दी गयी है।और गिरफ्तारी से बचने को दारोगा ड्यूटी से फरार हो गये हैं।भोजपुर जिले के जगदीशपुर थाने में पोस्टेड दारोगा निराला पर आरा में दबंगों से मकान खाली कराने के नाम पर साढ़े 26 हजार रुपये घूस लेने का आरोप लगा है।और इसे लेकर आरा के शिवगंज निवासी विश्वनाथ प्रसाद की ओर से नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है। हालाकि दारोगा डीके निराला हाल तक आरा नगर थाने में पोस्टेड थे। इधर, मामला सामने आने के बाद से ही दारोगा फरार चल रहे हैं।
पुलिस दारोगा की खोज में लगी है। एसपी विनय तिवारी ने बताया कि दारोगा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है। एसडीपीओ हिमांशु केस की जांच कर रहे हैं। उनकी रिपोर्ट के आधार पर दारोगा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। दारोगा को सस्पेंड करते हुए विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गयी है। उन्होंने कहा कि भ्रष्ट आचरण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।शिवगंज निवासी विश्वनाथ प्रसाद की ओर से दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि उनकी एक बेटी सुनीता देवी ने शिवगंज में पूर्व में एक मकान खरीदा है। अर्जुन प्रसाद और दिलीप प्रसाद की ओर से मकान खोलने नहीं दिया जा रहा था। तब उन्होंने नगर थाने में पोस्टेड दारोगा दिलीप कुमार निराला से इसकी शिकायत की थी। इस पर दारोगा ने कहा कि मकान खुलवा देंगे, लेकिन खर्च करना पड़ेगा।खर्च के नाम पर 20 जुलाई को आर्य समाज मंदिर के पीछे दारोगा डीके निराला को साढ़े 26 हजार रुपये दिये गये थे। तब उनके बेटे ने रुपये देने का वीडियो बना लिया। इस पर दारोगा आग बबूला हो गये और उनके बेटे का 15 हजार रुपये का मोबाइल छीन लिया। इस पर बाप-बेटे गिड़गिड़ाने लगे। तब दारोगा ने कहा कि ठीक है काम कर दूंगा। इस बीच उक्त दारोगा का तबादला जगदीशपुर हो गया। जानकारी मिलने पर वह जगदीशपुर थाना जाकर दारोगा से बात की और मोबाइल की मांग की। इस पर दारोगा भड़क गये और कहा कि मोबाइल और रुपये लौटा दूंगा। लेकिन, दारोगा ने न तो मकान खाली कराया ओर न ही मोबाइल लौटायादारोगा दिलीप कुमार निराला पर भ्रष्टाचार अधिनियम सहित तीन धाराओं में केस किया गया है। इसमें विश्वास का आपराधिक हनन और धोखाधड़ी का आरोप भी लगा है। टाउन थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर शंभू कुमार भगत खुद केस के आईओ बने हैं। इधर, प्राथमिकी दर्ज होने के बाद आरोपित दारोगा फरार हो गये हैं। अब पुलिस उनके पीछे पड़ गयी है। ऐसे में कल तक दूसरों को गिरफ्तार करने वाले दारोगा अब खुद अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार चल रहा है। इधर, बताया जाता है कि विश्वनाथ प्रसाद ने 26 सितंबर को एसपी से भी मिलकर घटना की जानकारी दी थी। इस पर एसपी ने संज्ञान लेते हुए नगर थाना इंचार्ज को तत्काल प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश जारी कर दिया।