इंडिया सिटी लाइव(पटना)22दिसम्बर-बिहार में इन दिनों छात्र छात्राओं में मार्शल आर्ट्स सीखने के प्रति जुनून देखते ही बनता है। हर उम्र के लड़के लड़किया मार्शल आर्ट्स सीखने और इसमें महारथ हासिल करने की होड़ में लगे हैं। बिहार के लड़के लड़कियां राज्य स्तरीय ही नहीं नेशनल प्रतियोगितों में भी अपना परचम लहरा रहे हैं। सोमवार को पटना में आयोजित राष्ट्रीय स्तर के बेल्ट ग्रेडिंग टेस्ट में पटना के प्रतिभागियों ने कमाल का प्रदर्शन किया।
गौरतलब है कि 21 दिसंबर को राजधानी पटना के प्रतिष्ठित स्कूल ऑफ मार्शल आर्ट का चौथा बेल्ट ग्रेडिंग टेस्ट आयोजित किया गया।राजधानी पटना के पाटलिपुत्रा स्थित स्कूल ऑफ मार्शल आर्ट के ब्रांच में आयोजित इस प्रतियोगिता में पटना के 30 प्रतिभागियों ने शिरकत की। कराटे के नेशनल कोच सेनसई हर्ष कुमार सिन्हा ने प्रतिभागियों का टेस्ट लिया। हर्ष कुमार सिन्हा ने बताया कि राहुल, दिवा, निशा, अन्नया, सुजीत को ब्लैक बेल्ट दिया गया। प्रतियोगिता में शामिल बच्चों में देव स्वरूप ने जोरदार प्रदर्शन किया। देव स्वरूप ने अपनी प्रतिभा के बल पर ब्लू सीनियर बेल्ट हासिल किया। इसके साथ ही सुशांत, सुजीत, आशीष, वैभवी को ब्लू सीनियर और हर्ष कुमार को ब्राउन बेल्ट दिया गया। यशराज, सान्वी, जोया, रिया, अमर, मेहताब को औरेंज बेल्ट दिया गया। इसी तरह श्रृजन, ललिता, आयुष, कुमार आदित्य कुमार साह को येलो बेल्ट जबकि इशान नंदन को ग्रीन बेल्ट दिया गया। प्रतियोगिता के दौरान ज्योति, प्राचीर राज, रंजीत कुमार का काम उल्लेखनीय रहा। पूरी प्रतियोगिता नकी ही देख-रेख में संपन्न हा।
इस अवसर पर जनता दल यूनाईटेड प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद और कदम के कार्यकारी अध्यक्ष सैयद सबीउद्दीन अहमद बतौर मुख्य अतिथी मौजूद थे, इस टेस्ट में पास करने वाले प्रतिभागियों को बेल्ट सर्टिफिकेट दिया गया। प्रतिभागियों के किक, पंच तथा ब्लॉक के आलावा काता एवं कुमीते का प्रदर्शन के आधार पर विभिन्न बेल्ट मे प्रोन्नति किया गया।
जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि आत्मरक्षा के लिए मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण जरूरी है। स्कूली शिक्षा के साथ-साथ छात्र-छात्राओं को शारीरिक शिक्षा का ज्ञान होना भी बहुत जरूरी है। हर स्कूल- कॉलेजों में बच्चों को मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण देना जरूरी है। मार्शल आर्ट की शिक्षा शारीरिक विकास के साथ-साथ मानसिक विकास में भी अहम भूमिका निभाती है। कराटे सहित मार्शल आर्ट की अन्य विधाएं हमें सिर्फ शारीरिक रूप से ही मजबूत नहीं बनातीं बल्कि इससे व्यक्ति मानसिक रूप से भी परिपक्व होता है।
श्री सैयद सबीउद्दीन अहमद ने अपने संबोधन में कहा कि आज के दौर में आत्मरक्षा बहुत आवश्यक हो गयी है।सेल्फ डिफेंस के लिए युवा वर्ग को मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण जरूरी है, इसे भी दैनिक कार्य की तरह जीवन का हिस्सा बनाया जाना चाहिए। नियमित मार्शल आर्ट का अभ्यास करने से शारीरिक, मानसिक, नैतिक आत्मिक विकास को एक साथ बल मिलता है।