रामनवमी में दोपहर के वक्त अनुष्ठान किया जाता

मास के शुक्‍ल पक्ष के नवमी तिथि को भगवान श्री रामचंद्र का जन्म हुआ था। इसलिए हर साल देश भर में इस दिन रामनवमी मनाई जाती है। इस साल 10 अप्रैल यानि की कल रामनवमी का त्योहार मनाया जायेगा। कहा जाता है कि श्री रामचंद्र का जन्म मध्याह्न यानि की दोपहर के वक्त हुआ था। इसलिए रामनवमी में दोपहर के वक्त अनुष्ठान किया जाता है। इस दिन विधिविधान के साथ भगवान राम और माता सीता की पूजा अर्चना की जाती है।

राम नवमी तिथि- 10 अप्रैल 2022, रविवार
नवमी तिथि प्रारंभ – 10 अप्रैल को देर रात 1:32 मिनट से शुरू
नवमी तिथि समाप्त- 11 अप्रैल को सुबह 03:15 मिनट पर तक
पूजा का मुहूर्त- 10 अप्रैल को सुबह 11: 10 मिनट से 01: 32 मिनट तक

सुबह-सुबह स्नान करने के बाद पीले रंग के स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें।
इसके बाद पूजन स्थल को अच्छी तरह से साफ कर लें। फिर लकड़ी की एक चौकी लें, जिस पर लाल कपड़ा बिछा लें और उस पर भगवान श्रीराम की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित कर लें।
इसके बाद उन्हें कुमकुम, सिंदूर, रोली, चंदन, आदि से तिलक लगायें।
इसके बाद चावल और तुलसी अर्पित करें। राम नवमी के दिन श्री राम को तुलसी अर्पित करने से वे जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं।
पूजा में देवी-देवताओं को फूल अर्पित करें और मिठाई का भोग लगाएं।
फिर घी का दीपक और धूपबत्ती जलाकर श्री रामचरित मानस, राम रक्षा स्तोत्र या रामायण का पाठ करें।
श्री राम, लक्ष्मण जी और मां सीता की आरती करें और लोगों में प्रसाद बांटे।

भगवान श्रीराम को विष्णु का सातवां अवतार माना जाता है। त्रेता युग में जब धरती पर असुरों का अत्याचार बढ़ गया था तब भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। भगवान श्रीराम ने धर्म की स्थापना के लिए पूरे जीवन अपार कष्टों को सहा और एक आदर्श नायक के रूप में स्वयं को स्थापित किया। इसलिए उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम कहा जाता है। कठिन से कठिन परिस्थितियों में श्रीराम ने धर्म का त्याग नहीं किया और न ही अनीति का वरण किया। उन्हें उत्तम पुरुष की संज्ञा मिली और वो मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए।

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